बिहार सरकार सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों को ‘वन नेशन वन स्टूडेंट’ पहल से जोड़ने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. इस पहल के तहत, हर छात्र को एक अनूठी पहचान संख्या मिलेगी जिसमे उसकी पूरी शिक्षा का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा.
इस पहल के तहत छात्रों को एक यूनिक आईडी मिलेगी. इस आईडी में छात्रों के सभी शैक्षणिक दस्तावेज जैसे अंक पत्र, प्रमाण पत्र, क्रेडिट और ट्रांसक्रिप्ट शामिल होंगे. इसे एक तरह से वर्चुअल स्टोर माना जा सकता है, जिसे ‘एबीसी’ या ‘अपार आईडी’ के नाम से जाना जाएगा.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वो जल्द से जल्द उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों को एबीसी प्लेटफॉर्म से जोड़ दें.
क्या हैं फायदे?
- इस पहल से शिक्षा मंत्रालय को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि कितने छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं और उन्हें वापस लाने के लिए प्रयास किए जा सकेंगे.
- छात्रों के सभी प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेंगे और डिजीलॉकर प्रणाली के माध्यम से आसानी से उपलब्ध होंगे.
- इससे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना छात्रों के लिए आसान हो जाएगा. साथ ही एक संस्थान से दूसरे संस्थान में ट्रांसफर लेना भी आसान होगा.
अभी तक की प्रगति:
- देशभर में अबतक 29.79 करोड़ छात्रों के लिए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और अपार आईडी बनाई जा चुकी हैं.
- वहीं 1944 उच्च शिक्षा संस्थानों में अबतक 2.93 करोड़ एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट बनाए गए हैं.
- 1.33 करोड़ कौशल शिक्षा केंद्रों के छात्र भी इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं.
क्या है आगे की योजना?
- यूजीसी सभी शिक्षण संस्थानों की नियमित निगरानी करेगा.
- साथ ही यूजीसी विश्वविद्यालयों के साथ समीक्षा बैठकें भी आयोजित कर रहा है.