10 साल बिहार की सत्ता से बाहर रहने और 2009 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने जबरदस्त वापसी की थी। 2005 तक बिहार की सत्ता में रही लालू यादव की पार्टी के लिए वह चुनाव जीवनदान साबित हुआ। 2009 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटें खोकर सिर्फ 4 सीटों पर राजद सिमट गया था। जबकि 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को सिर्फ 22 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद बिहार विधानसभा में सबसे बड़ा दल बन गया। तब लालू यादव ने कई मौकों पर प्रशांत किशोर की खुलेआम तारीफ की, गलबहियां डाले फोटो खिंचवाए। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने ही नीतीश कुमार और लालू यादव के गठबंधन के लिए चुनाव प्रबंधन का काम किया था। लेकिन आज लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि प्रशांत किशोर भाजपा के सदस्य हैं।
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2024 के चुनाव में जब से प्रशांत किशोर ने भाजपा और एनडीए के वापसी की संभावना जताई है, तब से विपक्ष के नेता प्रशांत से नाराज हैं। प्रशांत पर सभी अपनी अपनी भड़ास भी निकाल रहे हैं। बिहार में यह काम तेजस्वी यादव ने संभाला है। तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर ही प्रशांत किशोर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश ने यह बात खुद स्वीकार की थी कि प्रशांत किशोर की जदयू में एंट्री अमित शाह के कहने पर हुई थी। न ही प्रशांत किशोर ने इसका कभी खंडन किया और न ही अमित शाह ने। तेजस्वी यादव ने कहा कि इससे स्पष्ट उदाहरण और क्या चाहिए कि प्रशांत भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर ने जिस राज्य में जिस क्षेत्रीय पार्टी के साथ काम किया उस राज्य में बीजेपी मजबूत हुई और सहयोगी दल को खा गई। उन्होंने बिहार में जो एनजीओ शुरू किया था वह मौजूदा चुनाव में खुलकर बीजेपी की मदद कर रहा है।