मुजफ्फरपुर के अहियापुर में एसकेएमसीएच ओपी की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो रक्तदान के नाम पर लोगों को ठग रहा था। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में पक्की सराय का एक युवक और माड़ीपुर की रहने वाली एक युवती शामिल है।
क्या था गिरोह का काम?
यह गिरोह स्कूल-कॉलेज के छात्रों और स्मैकियों को पैसे का लालच देकर ब्लड डोनेशन के लिए प्रेरित करता था। उन्हें दो-ढाई हजार रुपये देकर उनका खून तो ले लेता था, लेकिन बाद में उन्हें ब्लड डोनेट करने के लिए मिला कार्ड अवैध रूप से खरीद लेता था। इस कार्ड को जरूरतमंद मरीजों को ऊंची कीमत पर, करीब 10 हजार रुपये में बेचा जाता था।
पुलिस कार्रवाई:
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि इलाके में खून के धंधे में एक गिरोह सक्रिय है। सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। जब्त किए गए मोबाइल फोन की जांच में पुलिस को 200 से अधिक संदिग्ध नंबर मिले हैं। फिलहाल पुलिस इन नंबरों की जांच कर रही है, जिससे गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके।
अस्पताल कर्मियों पर भी शक:
पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह में कुछ अस्पताल कर्मी भी शामिल हो सकते हैं। इस संबंध में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। साक्ष्य मिलने पर पुलिस उन कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी।
चार साल पहले भी हुआ था पर्दाफाश:
गौरतलब है कि करीब चार साल पहले, 24 अगस्त 2020 को मिठनपुरा थाना क्षेत्र में भी खून के धंधे का पर्दाफाश हुआ था। उस समय भी पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस की अपील:
पुलिस लोगों से अपील करती है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार का संदेह हो तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। रक्तदान एक नेक काम है और हमें ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो इस नेक काम को दागदार कर रहे हैं।