बिहार में लोकसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए को बड़ा झटका लगा। 2019 के चुनाव में एनडीए ने बिहार में 40 में से 39 सीटें जीती थी। तो 2024 के चुनाव में एनडीए को 30 सीटें ही मिलीं। सीधे 09 सीटों का नुकसान, जिसमें सबसे बड़ा नुकसान भाजपा ने उठाया। भाजपा की 5 सीटें कम हुई। राजद को तो फायदा हुआ। क्योंकि 2019 में जीरो पर रही राजद के 4 सांसद 2024 में जीते। लेकिन एक पहलू यह भी है कि लालू-तेजस्वी यादव की जिद में राजद ने 04 सीटों को गंवा भी दिया। अगर लालू-तेजस्वी की जिद नहीं होती तो राजद की सीटें 8 तक पहुंच सकती थी।
फ्लाइट में आगे-पीछे की सीट पर साथ बैठे हैं सीएम नीतीश और तेजस्वी यादव, हलचल तेज
पप्पू को ठिकाने लगाने में पूर्णिया कुर्बान
राजद की हारी सीटों में सर्वाधिक चर्चा हो रही है पूर्णिया सीट की। इस सीट से राजद की उम्मीदवार बीमा भारती को सिर्फ 27120 वोट मिले हैं। जबकि उस सीट पर पप्पू यादव कांग्रेस के उम्मीदवार बनना चाहते थे। राजद ने यह सीट जबरन कांग्रेस से छीनी और पप्पू यादव को हराने के लिए तेजस्वी ने अपना पूरा वक्त पूर्णिया में दिया। लेकिन पप्पू यादव ने न सिर्फ राजद की बीमा भारती को हराया बल्कि दो बार से सांसद का चुनाव जीत रहे संतोष कुशवाहा को भी 23847 वोटों से हराया। पप्पू यादव के लड़ने को लेकर लालू-तेजस्वी की जिद के कारण यह सीट राजद और कांग्रेस ने मिलकर गंवाई।
सीवान में शहाब ने दी राजद को मात
सीवान लोकसभा सीट पर शहाबुद्दीन की मौत के बाद अपनी चलाने के चक्कर में लालू-तेजस्वी ने एक बार फिर यह सीट खो दी। हिना शहाब ने सम्मान नहीं मिलने के सवाल पर RJD से किनारा किया तो तेजस्वी या लालू ने भी अपने पुराने सहयोगी की बेवा का ख्याल नहीं किया। नतीजा चुनाव में हिना शहाब तो हारीं लेकिन RJD के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी तीसरे नंबर पर खिसक गए। सीवान में हिना शहाब 92,857 वोटों से हारी। जबकि 1,98,823 वोट लाकर राजद के अवध बिहारी चौधरी तीसरे नंबर पर रहें। चुनाव जीता जदयू की विजयलक्ष्मी देवी ने, जिन्हें 3,86,508 वोट मिले।
शिवहर में रितु जायसवाल को मिली हार
लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले शिवहर सीट को लेकर चर्चा थी कि यह सीट RJD की रितु जायसवाल जीत जाएंगी। माहौल उनके पक्ष में दिख रहा था। रितु को 4,47,469 वोट भी मिले। लेकिन रितु जायसवाल 29,143 वोटों से हार गईं। इस हार के पीछे भी लालू-तेजस्वी की जिद भी एक कारण रही। शिवहर सीट पर वैशाली के पूर्व सांसद रामा सिंह राजद से टिकट के इच्छुक थे। लेकिन उन्हें लालू-तेजस्वी ने टिकट नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि रामा सिंह ने चुनाव के पहले लोजपा का दामन थाम लिया। लालू-तेजस्वी ने अगर रामा सिंह को शिवहर से उम्मीदवार बनाया होता तो लवली आनंद और रामा सिंह के रूप में दो राजपूत नेताओं की टक्कर होती। राजपूतों के वोट बंटते तो राजद की नैया पार भी हो सकती थी।
नवादा में यादवों ने भी दिया झटका
लालू-तेजस्वी की जिद में RJD ने जो चौथी सीट हारी मानी जा सकती है, वो है नवादा। RJD नवादा सीट पर यादव उम्मीदवार ही उतारता रहा है। लेकिन इस बार टिकट श्रवण कुशवाहा को दे दिया गया। नतीजा यह हुआ कि विनोद यादव बागी होकर चुनाव लड़ गए। विनोद यादव को तीसरे नंबर पर रहते हुए वोट तो 39,519 ही मिले। लेकिन RJD के खिलाफ यादवों ने उस सीट पर ऐसा महौल बनाया कि RJD के उम्मीदवार श्रवण कुशवाहा 67,670 वोटों से हार गए।