महाराजगंज लोकसभा चुनाव में इस बार भी भाजपा के जनार्दन सिंह सिग्रीवाल जीते हैं। पहली बार 2014 में जब सिग्रीवाल ने महाराजगंज से जीत दर्ज की थी तो जीत का अंतर सिर्फ 38,415 वोट था। तब राजद के उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह थे। लेकिन 2019 में सिग्रीवाल ने प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह को 2,30,772 वोटों से हराया। इस बार चुनाव के ठीक पहले रणधीर सिंह एनडीए में शामिल हो गए लेकिन उनके आने का कोई लाभ सिग्रीवाल को मिलता नहीं दिखा। वे 1,02,651 वोटों से ही जीत सके।
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आकाश के मैनेजमेंट ने सिग्रीवाल को किया परेशान
महाराजगंज में कांग्रेस उम्मीदवार आकाश कुमार सिंह थे और उन्होंने सिग्रीवाल और भाजपा के गढ़ महाराजगंज में बड़ी चुनौती पेश की। आकाश चुनाव तो नहीं जीत सके लेकिन प्रभुनाथ परिवार से बेहतर लड़ाई जरुर लड़ गए। आकाश को सबसे अधिक 80,262 वोट गोरियाकोठी विधानसभा क्षेत्र में मिले। गोरियाकोठी विधानसभा क्षेत्र में भूमिहार वोटर्स अधिक हैं, इसलिए वहां से आकाश को अधिक वोट मिलना स्वाभाविक था। लेकिन तरैया में मिले वोट आकाश के लिए नए समीकरणों की देन रहे।
प्रभुनाथ परिवार के साथ असर वोटों पर नहीं
महाराजगंज में प्रभुनाथ परिवार के एनडीए में शामिल होने का कोई लाभ सिग्रीवाल को नहीं मिला। उम्मीद यह थी कि वे और बड़े अंतर से जीतेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तरैया और गोरियाकोठी दोनों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक होने के बाद भी आकाश ने सबसे अधिक सफलता इन्हीं दोनों विधानसभा क्षेत्रों में हासिल की। जबकि प्रभुनाथ सिंह के प्रभुत्व माने जाने वाले मांझी और बनियापुर विधानसभा क्षेत्रों में सिग्रीवाल की लीड अपेक्षाकृत कहीं कम रही। 2019 के चुनाव में सिग्रीवाल ने मांझी से 33 हजार की लीड ली थी। जो इस बार 15 हजार ही रही। वहीं बनियापुर से 2019 में सिग्रीवाल ने 35 हजार की लीड ली थी जो इस बार घट कर 24 हजार हो गई।
ज्ञात हो कि सिग्रीवाल को वैसे तो सभी विधानसभा क्षेत्रों में लीड मिली लेकिन सबसे कम अंतर तरैया में रहा है।