बिहार में राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन भुगतान में देरी हो रही है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पांच मई को पटना उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग को वेतन भुगतान करने का आदेश दिया था, लेकिन एक महीने बाद भी शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है।
सरकार का रवैया ढुलमुल:
शिक्षा विभाग बजट की कमी का हवाला दे रहा है और वेतन भुगतान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। 10 से 12 जून तक कुलपतियों की बैठक बुलायी गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इससे कोई सकारात्मक परिणाम निकलेगा भी या नहीं। हाईकोर्ट के आदेशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
अनिश्चित भविष्य:
वेतन कब तक जारी होगा, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। शिक्षकों और कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है और आंदोलन की संभावना भी बन रही है। इससे शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो सकती है।
क्या हो सकता है समाधान?
शिक्षा विभाग को तुरंत बजट जारी करना चाहिए और विश्वविद्यालयों को शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन समय पर भुगतान करने के लिए निर्देश देना चाहिए। शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जानी चाहिए।