नीट परीक्षा के रिजल्ट को लेकर पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से इसकी जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही इस मुद्दे को सदन में उठाने की बात कही है। पप्पू यादव ने कहा कि नीट परीक्षा में एजेंसी के हस्तक्षेप को खत्म करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जिस दिन लोकतंत्र के महापर्व का रिजल्ट हो रहा था उस दिन नीट परीक्षा का परिणाम देना कहीं ना कहीं गंभीर मामला बनता है। जिसका नतीजा है कि पूरे देश में नीट परीक्षा के कई परीक्षार्थी आत्महत्या कर चुके हैं।
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NEET परीक्षा में धांधली का है आरोप
NEET रिजल्ट के बाद इसमें धांधली के आरोप लगे थे इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर किया। याचिकाकर्ताओं ने काउंसलिंग पर रोक लगाने की भी मांग की है। संक्षेप में कहा जाए तो कोर्ट तीन याचिकाओं पर विचार कर रहा है, जिसमें अनियमितताओं और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा 1500 से अधिक उम्मीदवारों को “लॉस ऑफ टाइम” के आधार पर परीक्षा में ग्रेस मार्किंग देने के संबंध में संदेह जताने के लिए नीट यूजी 2024 के रिजल्टों को चुनौती दी गई है। इनमें से एक याचिका फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे ने दायर की थी। दायर की गई याचिका में दावा किया था कि एनटीए का ग्रेस मार्क्स देने का फैसला “मनमाना” था। कथित तौर पर पांडे ने लगभग 20,000 छात्रों से प्रतिनिधित्व एकत्र किया, जिसमें दिखाया गया कि कम से कम 1,500 छात्रों को लगभग 70-80 अंक ग्रेस मार्क्स के रूप में दिए गए थे।
ग्रेस मार्क्स पाने वाले छात्रों को फिर से देना होगा परीक्षा
जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई किया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों को फिर से परीक्षा देनी होगी। इसके अलावा काउंसलिंग पर भी रोक नही लगाई जाएगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच नीट यूजी के मामले में सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए के बयान को रिकॉर्ड में लिया कि 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा आज ही अधिसूचित की जाएगी और यह संभवतः 23 जून को आयोजित की जाएगी और परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे ताकि काउंसलिंग जो जुलाई में शुरू होने वाली है प्रभावित नहीं हो।