नीट (यूजी) 2024 परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर पूरे देश में मचे हंगामे के बीच बिहार सरकार ने पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्त कानून बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को इस संबंध में अपने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की और निर्देश दिए कि नियुक्ति परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सख्त कानून की पहल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि राज्य में होने वाली सभी नियुक्ति परीक्षाओं में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा, “पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाया जाना चाहिए, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।” मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कानूनविदों से सलाह लेकर इस सख्त कानून का मसौदा तैयार करें और इसे विधानसभा के अगले सत्र में पेश करें। उन्होंने यह भी कहा कि विधानमंडल से पारित कराकर इस कानून को तत्काल लागू किया जाएगा।
नीट (यूजी) 2024 में गड़बड़ी के आरोप
नीट (यूजी) 2024 परीक्षा के परिणाम आने के बाद बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। पहली बार ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 छात्रों के चयन और 16 छात्रों के रोल नंबर एक-दूसरे के आसपास होने के कारण विवाद उत्पन्न हुआ है। हरियाणा, यूपी, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और कर्नाटक के टॉपर्स के मामले में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। बिहार और गुजरात से पेपर लीक की खबरें भी सामने आई हैं।
एनटीए का कदम और जांच की मांग
एनटीए ने 13 जून को घोषणा की कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले छात्रों की परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी। हालांकि, इससे छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। बिहार और गुजरात से पेपर लीक की खबरों के बाद एनटीए की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं, जिसके चलते छात्र सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच की याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने भी माना है कि नीट परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
बिहार सरकार की तत्परता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कदम नीट (यूजी) 2024 परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है। बिहार सरकार की यह सख्ती परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब देखना यह है कि विधानसभा में इस सख्त कानून को कब तक पारित किया जाता है और इसे लागू करने के बाद परीक्षा प्रक्रियाओं में कितना सुधार होता है।