मुज़फ़्फ़रपुर: अहियापुर थाना क्षेत्र के बखरी में एक नेटवर्किंग कम्पनी में लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर यौनशोषण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अहियापुर थाने में केस दर्ज करने के बाद जहाँ पुलिस आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी है । वहीं इस घटना से जुडी दूसरी पीड़िता ने (मारपीट के वायरल वीडियो में दिखने वाली पीड़िता ने) कैमरे पर घटना से जुडी तमाम बातों का खुलासा किया है।
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पीड़िता ने बताया कि फेसबुक के माध्यम से पहले हरेराम सर से दोस्ती हुई, उसके बाद मैसेंजर पर चैट हुआ। उन्होंने नौकरी का प्रलोभन दिया, हाजीपुर में चलने वाले DVR कम्पनी में डॉक्यूमेंट और 20500 रूपये लेकर बुलाया गया, मौसी से कर्ज लेकर पीड़िता ने हाजीपुर में रामाशीष चौक के निकट ज्वाइन किया, लेकिन वहां काम के बजाए उन्हें साईकोलॉजी पढ़ाया जाने लगा। उन्हें लोगों को कान्वेंस करने का तरीका सिखाया जाने लगा। नौकरी के नाम पर लोगों को जोड़ने का तरीका सिखाया जाने लगा, पीड़िता ने भी अपने माध्यम से 21 लोगों को जोड़ा, जिनसे कम्पनी ने 20500 रूपए ले लिए। इस काम के बदले किसी को सैलरी नहीं मिलती थी, बस कहा जाता था कि 15500 रूपए महीना मिलेंगे, वहीं जो लड़कियां नहीं जोड़ पाती थी उन्हें मारा पीटा जाता था।
पीड़िता ने बताया कि उसके माध्यम से 14 लड़कियां ज्वाइन की, लेकिन किसी को उनके परिवार से पर्सनल बात नहीं करने दिया जाता था, ताकि कोई निगेटिव बात न बता दें, वहीं लड़कियों का जबरन यौन शोषण भी किया जाता था। पीड़िता ने बताया कि उसके साथ भी बहुत कोशिश किया गया, लेकिन उसने हिम्मत दिखाकर इसका विरोध किया। अपने साथ मारपीट की घटना को लेकर उसने कहा कि जब लोगों को नहीं जोड़ पाते थे तो वो लोग मारते थे, पहले भी कई बार मारा गया, लेकिन बाद में जब मारा गया तो उसका वीडियो भी बनाया गया।
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मारने वाले में हरेराम, तिलक प्रताप, अजय प्रताप शामिल था, वही वीडियो बनाने वाला नूर आलम और विजय गिरी शामिल था। पीड़िता ने बताया कि जो लड़की वहां कुछ महीने रह जाती थी, नेटवर्क बना लेती थी, उनके साथ शारीरिक शोषण होता था, लेकिन कोई कुछ नहीं बोल पाती थी। पीड़िता ने बताया कि हाजीपुर में सबसे ज्यादा लड़कियों को रखा गया, वहीं ज्यादा शोषण होता था, अन्य जिलों में भी ये कम्पनी चल रही है, जिसमे 700-800 लड़का-लड़की जुड़े हुए है। पीड़िता ने बताया कि वो 2021 में ही जुड़ी लेकिन आजतक एक बार भी सैलरी नहीं मिली, बस मार पीटकर और अन्य तरीकों से सबको डराकर रखा जाता था। अगर कोई छोड़ना चाहे तो जल्दी छोड़ भी नहीं सकता है, हालांकि कई लड़कियां इस चंगुल से निकलकर जा चुकी है।