केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज 53वीं GST परिषद की बैठक हुई, जिसमें कई अहम् फैसले लिए गए। GST काउंसिल की 53वीं मीटिंग में शनिवार, 22 जून को दूध के डिब्बों और सोलर कुकर पर 12% टैक्स लगाने का फैसला किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फर्जी बिलों पर रोक लगाने के लिए फेज्डवाइज यानी चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में बायोमेट्रिक ऑथेंटिफिकेशन लागू किया जाएगा।
नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन से खुश हैं आध्यात्मिक नेता दलाई लामा… पीएम मोदी को लिखा पत्र
वहीं, भारतीय रेलवे की प्लेटफॉर्म टिकट, रिटायरिंग रूम और वेटिंग रूम जैसी सर्विसेज को GST से छूट दी गई है। निर्मला सीतारमण ने इस मीटिंग की अध्यक्षता की। मीटिंग के बाद इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। वित्त मंत्री ने बताया कि आज 53वीं जीएसटी परिषद की बैठक में व्यापार सुविधा, करदाताओं को राहत देने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। इससे व्यापारियों, MSMEs और करदाताओं को लाभ होगा।
आज, GST परिषद ने GST अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जिसमें धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी से जुड़े मामले शामिल नहीं हैं। वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी किए गए सभी नोटिसों के लिए, परिषद ने उन डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जो तामील हो चुकी है।
53वीं GST परिषद के अहम फैसले
- मिल्क केन्स यानी दूध के सभी तरह के डिब्बों पर एक समान 12% की दर तय की गई।
- फायर स्प्रिंकलर्स समेत सभी प्रकार के स्प्रिंकलर्स पर 12% टैक्स।
- सभी सोलर कुकर पर 12% GST।
- कार्टन बॉक्स पर 12% GST।
- रेलवे की सर्विसेज जैसे बैटरी ऑपरेटेड व्हीकल और इंट्रा-रेल्वे सर्विसेज GST से मुक्त।
- डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना माफ किया जाएगा
- वित्त मंत्री ने कहा कि अपीलेट अथॉरिटी के समक्ष अपील दायर करने के लिए अधिकतम राशि 25 करोड़ रुपए से घटाकर 20 करोड़ रुपए CGST प्री-डिपॉजिट कर दी जाएगी।
- छोटे टैक्सपेयर्स की मदद के लिए काउंसिल ने 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने के लिए GSTR4 के लिए 30 जून की तारीख की सिफारिश की गई।
मुकदमेबाजी को कम करने के लिए काउंसिल ने अपील दायर करने के लिए हाईकोर्ट के लिए 1 करोड़ रुपए और सुप्रीम कोर्ट के लिए 2 करोड़ रुपए की लिमिट की सिफारिश की। 2017-18, 2018-19, 2019-20 के लिए डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा, अगर 31 मार्च 2025 तक टैक्स का भुगतान कर दिया जाता है।