पटना की दीघा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी डॉ. संजीव चौरसिया ने पीएचईडी के 826 करोड़ रुपए के 350 टेंडर रद्द करने की कार्रवाई को जायज ठहराया है। बुधवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार के 17 महीने के कार्यकाल में राजद कोटे के मंत्रियों की लूट की धीरे-धीरे पोल खुल रही है।
डॉ. चौरसिया ने बताया कि विभाग की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से ठेके आवंटित किए गए थे। उन्होंने कहा कि जब गहन जांच होगी तो लूटखसोट के सूत्रधारों के नाम भी सामने आएंगे। फिलहाल पूर्व मंत्री ललित यादव के विभाग की ही जांच हुई है, जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व मंत्री रामानंद यादव के विभाग की तफ्तीश जारी है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सत्ता में आते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने की घोषणा की थी। पीएचईडी में की गई यह कार्रवाई इसी नीति का नतीजा है।