पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (पहल) के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डा. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि नकली बाबा अक्सर लोगों को धोखा देकर उनका पैसा और संपत्ति हड़प लेते हैं। वे झूठे वादे और चमत्कारों के जरिए लोगों को फंसाते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार नकली बाबा झाड़-फूंक और जड़ी-बूटियों के जरिए इलाज करने का दावा करते हैं, जिससे मरीज की स्थिति और भी बिगड़ सकती है और उचित चिकित्सा उपचार में देरी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि नकली बाबा लोगों की भावनाओं और आस्थाओं का शोषण करते हैं। वे मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर लोगों का फायदा उठाते हैं, जिससे उन्हें और अधिक परेशानी होती है। नकली बाबा और उनके अनुयायी अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं. जिससे समाज में वैज्ञानिक सोच और तर्कशीलता कम होती है।
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डा० तेजस्वी ने बताया कि लोगों को शिक्षा के माध्यम से पैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और अंधविश्वास से बचने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। हर बात को तर्क और प्रमाण के आधार पर समझने का प्रयास करें। बिना सोचे-समझे किसी भी धार्मिक या चमत्कारी दावे पर विश्वास न करें। अगर कोई बाबा या धार्मिका गुरु चमत्कार का दावा करता करता है, तो उनसे साक्ष्य और प्रमाण मांगे, अगर कोई नकली बाबा धोखा देता है या गलत तरीके से पैसा मांगता है, तो तुरंत पुलिस या संबंधित कानूनी अधिकारियों से संपर्क करें। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा प्रमाणित और योग्य चिकित्सक से ही परामर्श लें। झाङ-फूंक और जड़ी-बूटी के इलाज से बचे। समुदाय में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए सगठनों और समूहों के साथ मिलकर काम करें।