पूर्णिया जिला के रुपौली में आज, 10 जुलाई को उप चुनाव (Rupauli By Election) के लिए मतदान हो रहा है। इस सीट पर एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने है। एनडीए की ओर से जेडीयू ने कलाधर मंडल को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने बीमा भारती पर एक बार फिर भरोसा जताया है। वैसे तो 2020 के विधानसभा चुनाव में यह सीट बीमा भारती के पास ही थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया से बीमा भारती को मिली हार के बाद उनकी जीत आसान है या कठिन यह पिछले वोटों के गणित से समझते हैं।
2020 के चुनाव में क्या थी स्थिति
2020 के चुनाव में बीमा भारती ने जदयू के टिकट पर 19330 वोट के अंतर से चुनाव जीता था। तब लोजपा के शंकर सिंह 44994 हजार वोट के साथ दूसरे और सीपीआई के विकास चंद्र मंडल 41963 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। 2020 के चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार रहीं बीमा भारती को 64324 वोट मिला था। रुपौली में शंकर सिंह एक बार फिर निर्दलीय लड़ गए हैं क्योंकि उनकी पार्टी लोजपा-रामविलास अब एनडीए में है और जेडीयू का समर्थन कर रही है। शंकर सिंह भी बीमा भारती को टक्कर दे सकते हैं।
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2024 लोकसभा चुनाव में रूपौली में मिले कम वोट
2024 लोकसभा चुनाव की बात करें तो पूर्णिया लोकसभा के तहत आने वाली छह विधानसभा सीटों में रुपौली भी शामिल है। पप्पू यादव पूर्णिया से जीते जरूर लेकिन रुपौली और धमदाहा विधानसभा सीट पर वो दूसरे नंबर पर रहे। बीमा भारती को तो पूरे लोकसभा में ही 27120 वोट मिला। पप्पू की जीत पूर्णिया, बनमनखी, कोढ़ा और कसबा विधानसभा की लीड से तय हुई। लोकसभा चुनाव के दौरान रुपौली सीट पर जेडीयू के संतोष कुशवाहा को 97469, पप्पू यादव को 72795 और बीमा भारती को 10968 वोट मिले थे।
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महज ढ़ाई महीने पहले पूर्णिया लोकसभा के नंबर को देखें तो बीमा और पप्पू के वोट मिलाकर भी जेडीयू हारती नहीं दिख रही है। स्थानीय नेताओं और विधायकों को बीमा को फिर से विधानसभा लाने का काम सौंपा गया था। लोकसभा चुनाव में पूर्णिया में प्रतिद्वंदी के तौर पर लड़े पप्पू यादव अब उप चुनाव में बीमा भारती को समर्थन दे चुके हैं। पप्पू के आखिरी मौके पर समर्थन देने से कितना क्या बदल पाएगा ये देखना दिलचस्प होगा।