मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री किसी भी कार्यक्रम में जाते हैं कुछ ऐसा कर देते हैं जिसके बाद उन्हें ट्रोल होना पड़ता है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकारी कार्यक्रम में विभाग के सचिव का पैर पकड़ने का वीडियो वायरल हुआ तो कल, 10 जुलाई को एक बार फिर मुख्यमंत्री का पुल निर्माण कर रहे कंपनी के ठेकेदार का पैर पकड़ने का वीडियो वायरल होने लगा है। जिसके बाद मुख्य विपक्षी दल आरजेडी, मुख्यमंत्री के इस व्यवहार पर तंज कसने में लगा हुआ है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि ये बिहार के मुख्यमंत्री है जो पुल बनाने वाले ठेकेदार के निजी इंजीनियर के पैर पकड़ने के लिए आतुर है। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी बिहार में लगातार गिर रहे पुल को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। बिहार में एक और पुल ध्वस्त होने को लेकर तेजस्वी यादव ने लिखा है कि बिहार में विगत 3 हफ़्तों में अब तक केवल और केवल बस 16 ही पुल गिरे हैं। इन सदाचारी पुलों के गिरने में सरकारी भ्रष्टाचार, 18 वर्षों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी की कहीं कोई गलती नहीं है, है ना? 18 वर्ष शासन के बाद भी सब दोष विपक्ष का ही है।
एक तरफ तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री पर हमला बोला है तो पार्टी के नेताओं ने भी मोर्चा संभालते हुए तंज कसना शुरू कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि जब भी किसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जाते हैं तो वहां के लोग असहाय महसूस करने लग रहे हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री किसी भी कार्यक्रम में ऐसा आचरण करते हैं जिसके बाद कई तरह के सवाल उठने लगते हैं। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के पैर पकड़ते हैं तो कभी अधिकारी का तो कभी ठेकेदार का भी पैर पकड़ने लगते हैं। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ षडयंत्र किया जा रहा है। आखिर मुख्यमंत्री का व्यवहार इस तरह से क्यों हो रहा है। जब राज्य का मुख्यमंत्री ही अधिकारी और कर्मचारियों का पैर पकड़ने लगे तो राज्य की स्थिति क्या होगी जनता को अभी इसके बारे में सोचना चाहिए।
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वहीं राजद नेता शक्ति यादव ने भी मुख्यमंत्री के व्यवहार पर तंज कसा है। शक्ति यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस व्यवहार से उन पर दया आ रही है। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्सी कुमार के नाम से जाने जाते थे, अब चरण वंदना कुमार के नाम से जाने जाएंगे। क्योंकि अब जब मुख्यमंत्री ही अधिकारी और कर्मचारियों का पैर पकड़ने लगे तो राज्य का विकास कैसे हो सकता है।