जदयू नेता और पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा (Manish Verma) को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मनीष वर्मा को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। जदयू के महासचिव आफाक अहमद खान ने पत्र जारी कर इसकी सूचना दी। मनीष वर्मा मंगलवार को आधिकारिक तौर पर जेडीयू में शामिल हुए थे। मनीष वर्मा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता है। कुर्मी जाति से आने वाले मनीष को नीतीश के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जा रहा है।
कौन हैं मनीष वर्मा
मनीष ओडिशा कैडर के 2000 बैच के अधिकारी थे। ओडिशा में उन्होंने माओवाद प्रभावित मलकानगिरी सहित ओडिशा के तीन जिलों में कलेक्टर के रूप में काम किया। वह 2012 में बिहार कैडर में चले आए थे। बिहार में उन्हें समाज कल्याण विभाग में निदेशक के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। इसके बाद उन्हें पूर्णिया और पटना का जिलाधिकारी बनाया गया। मनीष के पिता डॉक्टर अशोक वर्मा बिहारशरीफ के मशहूर डॉक्टर थे।
JDU के लिए बनाई थी रणनीति
आपको बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने जेडीयू के लिए पर्दे के पीछे रहकर रणनीति तैयार की, जिसका काफी लाभ पार्टी को मिला। दरअसल, मनीष वर्मा को लेकर नीतीश कुमार की तैयारी बड़ी थी। नालंदा तक समेटने के बजाय उन्होंने मनीष वर्मा को पूरे चुनाव की कमान दे दी। वे पूरे बिहार में घूम-घूम कर पार्टी की एक्टिविटी पर नजर रख रहे थे।
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पर्दे के पीछे के साथ सामने आकर भी वे कार्यकर्ताओं के साथ संवाद भी कर रहे थे। वे लगभग उन तमाम सीटों पर घूमे, जहां पार्टी चुनाव लड़ रही थी। इस दौरान कार्यकर्ताओं के बीच उन्होंने अपनी स्वीकार्यता भी बना ली। इसी का नतीजा है कि जेडीयू ने लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार प्रदर्शन किया है। पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब उन्हें पॉलिटिक्स के मेनस्ट्रीम में लाने जा रहे हैं। सियासी पंडितों के मुताबिक उन्हें दूसरा आरसीपी सिंह करार दिया जा रहा है।