बिहार में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। दक्षिण बिहार में गुरुवार को दिनभर रुक-रुक कर बारिश हुई, जिससे लोगों को उमस से राहत मिली। हालांकि, गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है।
अधिक चिंता की बात ये है कि उत्तरी बिहार के तराई वाले इलाकों में लगातार तेज बारिश हो रही है। नेपाल में भी मूसलाधार बारिश का दौर जारी है, जिसके कारण गंडक, कोसी, बागमती और कमला समेत कई नदियां उफान पर हैं। इस वजह से बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज, मधुबनी, सुपौल और अररिया समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
पटना स्थित मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार, आज यानी 12 जुलाई को बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल जिलों में तेज बारिश जबकि अररिया और किशनगंज जिले में अति तेज बारिश होने की संभावना है। वहीं, दक्षिण बिहार के सभी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने मेघगर्जन और वज्रपात की चेतावनी को देखते हुए पटना, जहानाबाद, नालंदा, गया, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, मुंगेर, खगड़िया, बांका और भागलपुर जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बाकी बचे जिलों, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान और सारण शामिल नहीं हैं, वहां येलो अलर्ट जारी किया गया है।
अगले 48 घंटों में उत्तरी बिहार के जिलों में भारी बारिश का अंदेशा है। वहीं, पटना सहित अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बारिश होने से शुक्रवार से दिन के तापमान में गिरावट आने की भी संभावना है