झारखंड में हेमंत सोरेन के सीएम बनते ही सरकार लुभावनी योजनाओं में एक्शन को डबल स्पीड में बढ़ाने की कोशिश में जुटी है। युवाओं को नौकरी देने का वादा कर झारखंड की सत्ता में आई महागठबंधन की सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने विभागों की समीक्षा कर सितंबर माह तक 30 हजार नियुक्तियां करने का निर्देश दिया है। लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन के इस स्ट्रोक पर ‘नौकरी घोटाला’ करने का मास्टर स्ट्रोक सबके सामने रख दिया है। दरअसल, हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जब चंपाई सोरेन झारखंड के सीएम थे तो उन्होंने सितंबर तक 40 हजार नौकरियां देने का ऐलान किया था। लेकिन हेमंत सोरेन ने इसे 30 हजार कर दिया है।
बंगलादेशी घुसपैठ पर खुलकर बोले बाबूलाल मरांडी, सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में होगा इस पर फैसला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया है कि “हेमंत सोरेन तो सिर्फ घोषणा करने में ही अपना 25% कमीशन, यानि 10000 नौकरियां खा गए! पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन जी ने कुछ ही दिनों पहले 40000 सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन चंपाई जी को हटाकर सीएम बनने वाले हेमंत ने महज घोषणा करने में ही सीटों में भारी कटौती कर दी। जमानत पर जेल से बाहर आने वाले हेमंत सोरेन के पास नौकरी देने की ना कोई नीति है, ना कोई नियत…”
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा है कि “झारखंड के युवाओं के साथ पिछले 5 सालों से ऐसा ही भद्दा मज़ाक चल रहा है। हर साल नियुक्ति कैलेंडर निकलता है, लाखों की संख्या में सरकारी नौकरी देने की घोषणाएं होती हैं, लेकिन ये घोषणाएं फाइलों में ही दबी रह जाती हैं। यदि गलती से कोई परीक्षा हो भी गई तो पेपर लीक, सीटों की खरीद फरोख्त और पहुंच-पैरवी के कारण असली हकदार नौकरी से वंचित रह जाते हैं। हेमंत सरकार के झूठे वादों और दिलासों को झेलते-झेलते युवाओं का धैर्य अब ज़वाब दे चुका है। पब्लिसिटी हासिल करने के लिए युवाओं की भावनाओं से खेलने वाले झामुमो कांग्रेस सरकार की पतन के कर्णधार युवा ही बनेंगे।”