बिहार में ED दो दिनों से लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही थी। इसी कड़ी में पटना में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह बिजली बोर्ड के अध्यक्ष संजीव हंस समेत झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के कई ठिकानों पर ED ने रेड मारा। इस दौरान उन्हें कई सारे सबूत, कागजात और पैसे मिले।
ED की पूर्व विधायक गुलाब यादव और आईएएस अधिकारी संजीव हंस के यहां छापे की कार्रवाई करीब 30 घंटे बाद खत्म हो गई है। सूत्रों के अनुसार, अपनी जांच के दौरान ईडी ने कई बेशकीमती घड़ियां, जमीन और अन्य संपत्ति में निवेश के दस्तावेज जब्त किए हैं। पंजाब, गोवा के साथ कुछ अन्य शहरों में भी संपत्ति की जानकारी मिली है। इतना ही नहीं ईडी की छापेमारी में पता चला है कि गुलाब यादव के खाते में 4 करोड़ रुपए हैं। हालांकि, संपत्ति का कुल मूल्य कितना है और किसके नाम पर है यह संपत्ति इसकी पुष्टि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से नहीं की गई है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने विभिन्न स्तरों से मिली जानकारियां के बाद मनी फॉर लॉन्ड्रिंग एक्ट मामले में पूर्व विधायक और आईएएस अधिकारी के आवास पर छापा मारा था।
दरअसल, सीनियर IAS संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर रूपसपुर थाने में गैंगरेप का केस दर्ज 1 साल पहले किया गया था। इसकी जब जांच की गई तो इस केस को सही पाया गया। इन दोनों पर एक महिला वकील ने रेप का आरोप लगाते हुए रूपसपुर थाने में पिछले साल केस दर्ज कराया था। इसी के बाद से पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई थी। इसी दौरान छापेमारी की है।
वहीं IAS संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के 21 ठिकानों पर ED की छापेमारी 30 घंटे बाद बुधवार को खत्म हो गई। ED को IAS संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के यहां से जो कागजात मिले, उसमें कारोबार से संबंधित बैंक एकाउंट, संपत्ति के कागज, पैसे के लेनदेन के कागजात, कारोबार से जुड़े लोगों के साथ ही अन्य सूचनाओं की जानकारी मिली। बेशकीमती घड़ियां, सोना और प्रॉपर्टी के पेपर मिले हैं। दोनों ठेका और ट्रांसफर में भी साझेदार थे। छापामारी पटना के अलावा, झंझारपुर, पुणे, महाराष्ट्र समेत कुल 12 स्थानों पर की गई थी। आईएएस अधिकारी के यहां जांच मंगलवार को ही कुछ घंटों के बाद समाप्त हो गई थी। जबकि गुलाब यादव के यहां छापामारी बुधवार को समाप्त हुई।
दानापुर कोर्ट के आदेश पर संजीव, गुलाब यादव उसके नौकर ललित पर रूपसपुर थाना में IPC और IT एक्ट की 11 धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इनमें 8 धाराएं गैर जमानतीय हैं, जबकि 3 धाराएं जमानतीय हैं। तीनों पर गैंग रेप की IPC की धारा 376(डी) भी लगाया गया है। इस धारा में दोषी पाए जाने पर 20 साल की सजा या उम्र कैद भी हो सकती है।
आइएएस अधिकारी संजीव हंस और गुलाब यादव के यहां छापेमारी सुबह 6 बजे एक साथ शुरु हुई थी। इसमें पटना में संजीव हंस के आवास और कार्यालय में दबिश के लिए 15 सदस्यीय टीम को जिम्मेदारी दी गई थी। जबकि गुलाब यादव के वहां 7 सदस्यीय ईडी के अधिकारी सहित 35 सदस्यीय टीम ने छापेमारी की। गुलाब यादव के मधुबनी जिला के झंझारपुर के गंगापुर स्थित आवास को सुबह 6 बजे ही ईडी के अधिकारियों ने घेर लिया था। सुरक्षा बल के जवानों ने गेट को बंद करके आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी।
छापेमारी संजीव हंस के सरकारी आवास, कार्यालय के साथ ही गुलाब यादव के पुणे, दिल्ली, पटना, झंझारपुर के ठिकानों में हुई। इस दौरान ED की टीम संजीव हंस और गुलाब के ठिकानों पर रात में रुकी, ताकी मौजूद सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जाए। छापेमारी के दौरान ED को हंस और गुलाब के संयुक्त कारोबार की जानकारी मिली।
पटना SSP राजीव मिश्रा ने रिपोर्ट टू में रूपसपुर थाने में दर्ज कांड सं. 18/23 को सही करार दिया है। हालांकि, पटना हाईकोर्ट ने संजीव हंस और गुलाब यादव पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा रखी है। संजीव और गुलाब दोनों ने हाईकोर्ट में रूपसपुर थाना में दर्ज FIR को निरस्त करने के लिए क्रिमनल रिट याचिका दायर की है।
संजीव की ओर से दर्ज याचिका की सुनवाई पिछले महीने हुई, जिसमें महिला वकील की ओर से उनके वकील ने CRPC 340 के तहत याचिका दायर की थी। इसलिए कोर्ट ने उस दिन फैसला नहीं सुनाया और इसे सुरक्षित रख लिया। रूपसपुर थाना में दर्ज केस में गुलाब यादव का नौकर ललित भी आरोपी है। इधर, पटना SSP राजीव मिश्रा और केस की IO रही मंजू कुमारी से इस केस को सत्य करार देने पर बात की गई तो दोनों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
पीड़ित का आरोप है कि फरवरी 2016 को पटना के गर्दनीबाग में रहने वाले एक सीनियर वकील के यहां गुलाब यादव से परिचय हुआ था। गुलाब ने राज्य महिला आयोग में सदस्य बनाने का झांसा देकर आवास पर बुलाया। आवास में उसने पिस्टल के बल पर रेप किया। पीड़िता ने केस की तैयारी कर ली थी। इसके बाद विधायक ने उसकी मांग में सिंदूर भरकर कहा कि दोनों पति-पत्नी हैं। फिर विधायक ने पुणे बुलाया। वहां विधायक ने मेरा परिचय IAS हंस से कराया। दोनों ने लंच के दौरान नशीला पदार्थ खिलाने के बाद गैंग रेप किया। उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया। वीडियो भेजकर ब्लैकमेल किया जाता था। इसके बाद दिल्ली में दो बार गैंगरेप किया। गुलाब के साथ संजीव भी रहते थे।