झारखंड के अलग होने के बाद बिहार एक बार फिर देश की खदान नीलामी में शामिल हो गया है। जिसके बाद अब बिहार में बालू के अलावा खनिजों का भी उत्खनन होगा। इस बार निजी निवेशकों के लिए बनाए गए नीलामी के नक्शे में आठ ब्लॉकों में से तीन बिहार के हैं। इस संबंध में बिहार के उपमुख्यमंत्री सह खनन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि यह गर्व की बात है कि बिहार वर्ष 2000 के बाद पहली बार देश के खदान नीलामी के नक्शे में शामिल हुआ है।
विजय सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार के खनन इकोसिस्टम विजन के कारण बिहार के राजस्व में बढ़ोतरी के साथ ही रोजगार सृजन भी होगा। केंद्र सरकार द्वारा खनन-उत्खनन विषय पर हैदराबाद में 20 जुलाई 2024 को सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के कुल आठ क्रिटिकल मिनरल ब्लॉक की सफल बोली लगाने वालों की भी घोषणा होगी। इन आठ ब्लॉक में से तीन ब्लॉक बिहार के हैं, जिनमें ग्लूकोनाइट, निकेल, क्रोमियम और प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलीमेंट के संभावित खान हैं। इन खदानों को शुरू करने पर राज्य का तीव्र आर्थिक विकास और निवेश की संभावना में काफी वृद्धि होगी।
खनन नियमावली में संशोधन और बिहार की प्रगति
केंद्र सरकार ने खनन नियमावली 1957 में 2015 से महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य खनिज क्षेत्र को निवेशकों के लिए खोलना है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सह खनन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि इन संशोधनों का उद्देश्य खनिज क्षेत्र को निवेशकों के लिए खोलना है। अवैध खनन पर अंकुश के साथ राज्य में वृहद और क्रिटिकल खनिजों के औद्योगिक विकास के लिए हम केंद्र सरकार से सहयोग प्राप्त करने में जुटे हैं। इसका व्यापक असर आने वाले दिनों में राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार संवर्द्धन पर दिखेगा।
बिहार के खनिज क्षेत्र में निवेश की संभावनाएँ
बिहार के इन खदान ब्लॉकों में ग्लूकोनाइट, निकेल, क्रोमियम और प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलीमेंट्स जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं। इन खदानों के संचालन से राज्य में निवेश और आर्थिक विकास की नई राहें खुलेंगी। साथ ही, राज्य में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
विजय सिन्हा ने कहा कि इस पहल से बिहार के खनिज क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ेगी और राज्य का विकास तेजी से होगा। राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर बिहार के खनिज क्षेत्र को नए आयाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।