जमुई जिले के खैरा थाना क्षेत्र स्थित जीतझिंगोई गांव में डायरिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. इस बीमारी की चपेट में आने से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीण बीमार हैं. मृतकों में गांव के ही बुचा मांझी और उनकी छह वर्षीय नातिन मधुलि कुमारी शामिल हैं.
समय पर इलाज नहीं मिलने का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि बीमारी फैलने के बाद उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल सका. बीते गुरुवार को गांव में कई लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत सामने आई थी. इसकी सूचना स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र को दी गई, लेकिन कोई डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी गांव नहीं पहुंचा. ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ कुछ दवाइयां और ओआरएस पाउडर भेजा गया, जिससे मरीजों को कोई खास राहत नहीं मिली.
दोनों मौतों से गांव में दहशत
21 जुलाई को बुचा मांझी को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. हालांकि, 23 जुलाई को अस्पताल से घर लौटने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई. वहीं, उनकी नातिन मधुलि कुमारी को भी डायरिया हो गया था. उसे इलाज के लिए मोकामा ले जाया गया, लेकिन 27 जुलाई को उसकी मौत हो गई. लगातार दो मौतों से गांव में दहशत का माहौल है.
सिविल सर्जन की टीम पहुंची, इलाज जारी
घटना की जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. कुमार महेंद्र प्रताप मेडिकल टीम के साथ गांव पहुंचे. उन्होंने बीमार ग्रामीणों की जांच की और उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल सभी का इलाज चल रहा है. सिविल सर्जन ने बताया कि गांव में मेडिकल टीम तैनात कर दी गई है, जो मरीजों की निगरानी कर रही है. साथ ही, डायरिया फैलने के कारणों की जांच की जा रही है.
डायरिया से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
यह घटना डायरिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता और सफाई के महत्व को रेखांकित करती है. ग्रामीणों को सलाह दी जाती है कि वे साफ पानी पीएं, बार-बार हाथ धोएं और खाने-पीने का ध्यान रखें. साथ ही, किसी भी तरह की बीमारी होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें.