बिहार में निर्दलीय विधायकों की संख्या अधिक नहीं रही है। बीते तीन चुनावों में सबसे अधिक 6 निर्दलीय नेता 2010 में विधायक बने थे। लेकिन उसके बाद ऐसे विधायकों की संख्या कम हो रही है। 2010 के बाद 2015 में 04 निर्दलीय विधायक जीते। तो 2020 में निर्दलीय विधायकों की संख्या सिर्फ 01 पर सिमट गई। लेकिन 2024 में पूर्णिया की रुपौली सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय शंकर सिंह की जीत हुई है। शंकर सिंह भी उसी ट्रैक पर चल रहे हैं, जिसपर 2015 और 2020 में जीते अधिकतर निर्दलीय विधायक चले हैं। यानि वे भी नीतीश कुमार के करीब ही दिख रहे हैं।
रुपौली के उपचुनाव में शंकर सिंह ने जदयू के ही कलाधर मंडल को हराया है। लेकिन इस हार के बावजूद अब विधायक बनने के बाद शंकर सिंह की करीबी नीतीश कुमार से ही दिख रही है। वे विधानमंडल में शपथ लेने से पहले नीतीश कुमार से मिले और समर्थन भी दे दिया। हालांकि बिहार की सियासत में यह पहला मौका नहीं है, जब निर्दलीय विधायकों की नजदीकी नीतीश से बढ़ी है।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चकाई सीट से निर्दलीय जीते सुमित कुमार सिंह अभी नीतीश कैबिनेट में मंत्री हैं। 2020 के चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने दो बार पाला बदला लेकिन सुमित कुमार सिह हर बार नीतीश कुमार के साथ जुड़े रहे। वहीं 2015 में वाल्मीकिनगर से निर्दलीय जीते धीरेंद्र प्रताप सिंह आज जदयू के विधायक हैं। जबकि मोकामा से निर्दलीय जीते अनंत सिंह की विधायक पत्नी अब जदयू के करीब आ चुकी हैं।
2010 में भी दुलालचंद गोस्वामी बलरामपुर से निर्दलीय विधायक बने थे और नीतीश कुमार के समर्थन में आ गए थे। अब दुलालचंद गोस्वामी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से 2019 का लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद भी बने थे। जदयू ने उन्हें 2024 में भी मौका दिया था लेकिन वे हार गए।
2010 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय जीतने वाले विधायक
- विनय बिहारी, लौरिया
- दिलीप वर्मा, सिकटा
- पवन जायसवाल, ढाका
- दुलाल चंद्र गोस्वामी, बलरामपुर
- ज्योति रश्मि, डेहरी
- सोमप्रकाश सिंह, ओबरा
2015 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय जीतने वाले विधायक
- धीरेंद्र प्रताप सिंह, वाल्मीकिनगर
- बेबी कुमारी, बोचहां
- अशोक कुमार चौधरी, कांटी
- अनंत सिंह, मोकामा
2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय जीतने वाले विधायक
- सुमित कुमार सिंह, चकाई
- शंकर सिंह, रुपौली (उपचुनाव 2024)