बिहार में इस साल मॉनसून की बेरुखी ने सूखे के गंभीर संकट को जन्म दे दिया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश की कमी ने कृषि उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसानों की फसलें सूख रही हैं और उनकी आंखों में आंसू हैं।
सिवान जिला छोड़कर राज्य के बाकी हिस्सों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। पटना समेत दक्षिणी बिहार के कई जिलों में तो सूखे जैसे हालात बन गए हैं। नदियों और तालाबों का जलस्तर लगातार गिर रहा है, जिससे पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान:
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में बिहार के कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन यह बारिश सूखे की स्थिति को सुधारने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। अधिकांश जिलों में अभी भी सूखे जैसे हालात बने रहने की संभावना है।
किसानों की समस्याएं:
- फसलें सूख रही हैं: कम बारिश के कारण धान, गेहूं और अन्य फसलें सूख रही हैं।
- सिंचाई का संकट: नहरों और तालाबों में पानी की कमी के कारण सिंचाई में दिक्कत हो रही है।
- आर्थिक संकट: फसलें बर्बाद होने से किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है।
- पेयजल संकट: कई गांवों में पेयजल की समस्या गहरा गई है।
सरकारी प्रयास:
राज्य सरकार ने सूखे की स्थिति से निपटने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जैसे कि सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करना, किसानों को मुआवजा देना और राहत कार्य शुरू करना। लेकिन ये प्रयास अभी तक पर्याप्त नहीं साबित हो रहे हैं।