रांची: फर्जी तरीके से जमीन के दस्तावेज़ बनाकर हड़पना फिर उस जमीन को बेचना इस धंधे को अंजाम देने वाले कमलेश कुमार को आज कोर्ट मे पेश किया गया। मालूम हो कि शुक्रवार को ही कमलेश को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने आरोपी कमलेश को कई बार समन भेजा था परंतु कमलेश पाँच समन भेजे जाने पर भी ईडी कार्यालय मे उपस्थित नहीं हुए थे इसके बाद ईडी ने छठा समन भेजा जिसके बाद कमलेश कुमार रांची के ईडी कार्यालय मे उपस्थित हुए। लगभग कई घंटो कि पूछताछ के बाद जमीन घोटाले के मामले मे उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया।
पहले भी लगे है आरोप, पुलिस अफसरो को भी फर्जी जमीन बेचा है कमलेश
बताते चलें कि फर्जी तरीके से जमीन के खरीद बिक्री मे शामिल कमलेश का नेटवर्क कांके अंचल क्षेत्र में फैला हुआ था. इस मामले मे जुड़े दूसरे अभियुक्त शेखर कुशवाहा ने कमलेश कुमार के कारनामे की जानकारी ईडी को दी थी। ईडी को दी गयी जानकारी में शेखर कुशवाहा ने बताया कि कमलेश ने बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कांके के इलाके में कई जगहों पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन पर कब्जा जमा रखा था. इस घोटाले के खुलासे के बाद जून के महीने में ही ईडी ने समन भेज कर कमलेश कुमार को रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था, परंतु ईडी के समन को पाकर कार्यालय मे उपस्थित होने के बजाय कमलेश फरार हो गया था। इसके बाद कमलेश के ठिकाने पर 21 जून की दोपहर 12 बजे ईडी की टीम कांके रोड के चांदनी चौक स्थित एस्ट्रो ग्रीन स्थित फ्लैट पहुंची थी, लेकिन टीम के पहुंचने के ठीक पहले अभियुक्त कमलेश वहां से निकल गया था। इसके बाद ईडी द्वारा उसके फ्लैट कि जब तलाशी ली गयी तब कमलेश के फ्लॅट से एक करोड़ रुपए के साथ 100 कारतूस बरामद हुए थे. बता दें एजेंसी ने जमीन से जुड़े दस्तावेज समेत कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी बरामद किए थे. वहीं आरोपी कमलेश 21 जून से ही फरार चल रहा था। पुलिसकर्मियों को भी बेची थी फर्जी दस्तावेज़ के साथ जमीन मालूम हो कि आरोपी कमलेश कुमार पूर्व में भी कांके क्षेत्र में बीएयू की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में जेल जा चुका है। कांके पुलिस ने इस मामले में उसे जेल भेजा था. जानकारी के मुताबिक, न सिर्फ आम आदमी बल्कि जमीन कारोबारी कमलेश ने गैरमजरूआ जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर कर राज्य के कई पुलिस अफसरों को भी जमीन बेची थी. बता दें कि इसमें पूर्व डीजीपी डीके पांडेय से जुड़ा मामला भी काफी चर्चित रहा था. वही कमलेश के खिलाफ गोंदा थाने में भी ठगी का केस दर्ज है।
चैट से पकड़ मे आया जमीन माफिया
ईडी कि जांच मे धीरे धीरे इस पूरे सिंडीकेट कि परत खुलने लगी थी। जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट में शामिल प्रियरंजन सहाय, शेखर कुशवाहा समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल में कमलेश से चैट का पता ईडी को चला था. इस चैट मे ईडी को जमीन के फर्जी दस्तावेजों के आदान प्रदान के साक्ष्य मिले थे. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने कमलेश कुमार को समन भेजकर बुलाया था. पहले पाँच समन पीआर कोई जवाब न देने के बाद छठे समन के बाद शुक्रवार को रांची स्थित ईडी कार्यालय मे उपस्थित हुए जहां कमलेश से लंबी पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कमलेश की गिरफ्तारी के बाद इस सिंडिकेट में शामिल कई और सफ़ेद पोशों के पकड़े जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
हेमंत सोरेन समेत कई लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
इस पूरे मामले मे अबतक सीएम हेमंत सोरेन समेत कई बड़े चेहरों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जमीन घोटाले से जुड़े मामलों में ईडी की टीम लगातार छानबीन कर रही है। अब तक इस केस में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप समेत कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार एक और शख्स अंतु तिर्की ने कबूल किया था कि उसने जमीन बेचकर करोड़ों रूपये की कमाई की. उसने यह भी स्वीकार किया कि वह फर्जी दस्तावेज के सहारे वह जमीन कारोबार में शामिल था. उसने इस खेल में शामिल लोगों के नाम का भी खुलासा किया है.