लखनऊ: बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश कि मौजूदा योगी सरकार प्रदेश में लव जिहाद के मामलो पर सख्त होती नजर आ रही है. ऐसे मामलो पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार नया और कडा कानून लाने जा रही है . बताया जा रहा है कि इस कानून के अंतर्गत लव जिहाद का अपराध सिद्ध होने पर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. इस कानून में कई अपराधों की सजा बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है. वहीँ इसमें लव जिहाद के तहत कई नए अपराध भी जोड़े गए हैं.
मालूम हो कि पहले ही केंद्र सरकार की तरफ से धर्म परिवर्तन कानून बनाने को लेकर कहा गया है कि यह राज्य सरकारों का मामला है और इस मामले पर नियम कानूनों के गठन को लेकर सूबे की सरकारों को ही तय करना है. इसके बाद यूपी कि सर्कन ने लव जिहाद धर्म परिवर्तन को लेकर कड़े कदम उठानी कि तयारी कर ली है. बता दें यूपी में बनाए जा रहे नए कानून में गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी कानून के दायरे में लाने की तैयारी है.
जानिए यूपी के एंटी लव जिहाद कानून में आखिर क्या-क्या प्रावधान हैं
- नए कानून में दोषी पाए जाने पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान है.
- पहले मामले में सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी थी. अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है.
- लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की कोई अदालत नहीं करेगी.
- लव जिहाद के मामले में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा.
- इसमें सभी अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया है.
पहले भी बन चुका है लव जिहाद पर कानून
लव जिहाद पर योगी सरकार पहले भी कानून बना चुकी है. बता दें लव जिहाद पर पहला कानून 2020 में बनाया था. 2021 में योगी सरकार ने विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया. इस विधेयक में 1 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था. बता दें इस विधेयक में यह प्रावधान था कि सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अमान्य माना जाएगा. इस विधेयक में साफ भी उल्लेख था कि झूठ बोलकर, धोखा देकर धर्म परिवर्तन कराना अपराध माना जाएगा. अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे 2 महीने पहले मजिस्ट्रेट को बताना होगा. विधेयक के मुताबिक जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर 15 हजार रुपए जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान था. इस मामले में भी यदि केस दलित लड़की से जुड़ा होता था तो उस मामले में 25 हजार रुपए जुर्माने के साथ 3 से लेकर 10 साल तक की जेल का प्रावधान था. वहिन्न नये विधेयक में इस मामले में सजा और जुरमाना का दायरा बढाया गया है. बताते चलें कि बता दें कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में लव जिहाद को ही चुनावी मुद्दा बनाया था. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद पर अंकुश लगाने की दिशा में ठोस पहल करते हुए पहली बार साल 2020 में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश पास किया था।
नए कानून के दायरे में आएंगे ‘फंडिंग’
लव जिहाद को लेकर आनेवाले नये विधेयक में अवैध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी इसके दायरे में लाया जा रहा है। बाते जा रहा कि अवैध धर्मपरिवर्तन व् लव जिहाद के मामलों में विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग को भी शामिल किया गया है। वहीँ अगर कोई धर्म बदलावाने की नीयत से किसी को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है, या उस पर हमला, बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है या इसके लिए साजिश करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा। इसके साथ ही इस विधेयक में जोड़ा गया गया कि पीड़ित अपने इलाज के खर्च के बदले कोर्ट जुर्माना तय कर सकेगी। इसके साथ ही यूपी सरकार का कहना है कि महिलाओं की सामाजिक स्थिति, अपराध की संवेदनशीलता, दलित- पिछड़े समुदाय से होने के आधार पर भी अपराध की सजा तय होगी। सरकार ने अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा और जुर्माना बढाने की जरूरत है। इसलिए, यह विधेयक लाया जा रहा है।