केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने केरल के वायनाड में हुई भूस्खलन की घटना को लेकर बुधवार को राज्यसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने केरल की लेफ्ट सरकार को घेरते हुए कहा कि ऐसी आपदा की आशंका के मद्देनजर केरल सरकार को पहले ही आगाह किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आमतौर पर कई राज्य ऐसी चेतावनियों पर ध्यान देते हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे नजर अंदाज किया। अमित शाह के इस खुलासे के बाद राजनीति गरमा गई है।
LJP (रामविलास) की सांसद शंभावी चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब उन्हें (केरल सरकार) 10 दिन पहले यह सूचना मिल गई थी कि ऐसा कुछ होने वाला है तो सरकार हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी थी? यहां वे (विपक्ष) सदन में हंगामा करते हैं लेकिन जहां उनकी सरकार है वहां कोई कार्रवाई नहीं करते, उनकी लापरवाही की वजह से इतने लोगों की मृत्यु हुई, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
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वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गृह मंत्री अमित शाह के दावे पर प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि भूस्खलन की घटना से पहले कोई रेड अलर्ट जारी नहीं किया गया था। वो बोले कि ये आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि इस इलाके के लिए रेड अलर्ट नहीं था। हालांकि, घटना के बाद कुछ घंटों बाद अलर्ट जारी किया गया था।
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दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (31 जुलाई) को लोकसभा में कहा कि आपदा की आशंका के मद्देनजर केरल सरकार को पहले ही अलर्ट जारी किया गया था। अमित शाह ने कहा कि आपदा से पहले जारी की गई चेतावनियों पर अधिकतर राज्य ध्यान देते हैं, लेकिन केरल सरकार ने आपदा को लेकर जारी अलर्ट को नजरअंदाज कर दिया।