लोकसभा में आज गुरुवार (1 अगस्त) को रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव (Rail Minister Ashwini Vaishnav) के भाषण के दौरान काफी ज्यादा हंगामा मच गया। रेल मंत्री रेलवे में किए जा रहे सुधार और लोको पायलट को लेकर बनाई गई व्यवस्था के बारे में सदन को बता रहे थे, तभी किसी विपक्षी सांसद ने उन्हें रील मंत्री कहकर ताना मारा। ये सुनकर आमतौर पर शांत रहने वाले अश्वनी वैष्णव भड़क गए और उन्होंने फटकार लगाते हुए चुप बैठने की हिदायत दे डाली।
रेल मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि ऐसा है…हम लोग केवल रील बनाने वाले नहीं हैं। हम मेहनत करने वाले लोग हैं, काम करने वाले लोग हैं। आपकी तरह केवल रील बनाकर दिखाने वाले लोग नहीं हैं..समझें। वह बार-बार रील मंत्री का जिक्र किए जाने पर नाराज हो गए और उन्होंने भड़कते हुए कहा, “बैठो, चुप बैठो…बैठो एकदम। कुछ भी बोल देते हैं। इसके बाद उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से कहा, “माननीय अध्यक्ष जी हाउस को ऑर्डर में लाइए। ये क्या तरीका है। कुछ भी बोल देते हैं।”
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वहीं अश्विनी वैष्णव के भड़कने पर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मोदी जी के रील मंत्री इसलिए भड़क गए क्योंकि उनसे जवादेही मांगी गई। NDA 1.O को लगा कि उनसे जवाबदेही नहीं मांगी जाएगी। वे भूल गए कि अब विपक्ष भी काफी मज़बूत हो गया है। उन्हें आत्म चिंतन करना होगा। पिछले जो रेलवे मंत्री होते थे वे ग्लानि महसूस कर इस्तीफा देते थे। प्रचार और रील मंत्री से ऊपर उठकर वे रेल मंत्री बने और देश को जवाब दें।
दरअसल, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने लोको पायलट के बारे में बता रहे थे। उन्होंने कहा कि लोको पायलट रेल मंत्रालय के सबसे अहम सदस्य हैं। उनके लिए कुछ जरूरी कदम उठाए गए हैं। लोको पायलट जब ड्यूटी पूरी करके आते हैं तो वह अपने रूम में बैठते हैं। रेल मंत्री ने कहा कि लोको पायलटों के औसत कामकाज और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को अधिक सुविधाएं दी गईं। सभी रनिंग रूम-558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत अधिक कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह उन लोगों के समय में शून्य था जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं।