बिहार में जमीन संबंधी विवादों को खत्म करने और भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है। पटना और वैशाली जिलों में 16 अगस्त और 18 अगस्त से क्रमशः जमीन सर्वे का काम शुरू हो गया है।
क्या है इस सर्वे का उद्देश्य?
- जमीन विवादों का समाधान: इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़े विवादों को खत्म करना है।
- डिजिटल रिकॉर्ड: भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में बनाया जाएगा, जिससे भविष्य में जमीन से जुड़े किसी भी तरह के विवाद को सुलझाना आसान हो जाएगा।
- सटीक जानकारी: इस सर्वे के जरिए जमीन की सही जानकारी एकत्रित की जाएगी।
- लगान निर्धारण: इस सर्वे के आधार पर जमीन का लगान निर्धारित किया जाएगा।
कैसे होगा सर्वे?
- शिविरों का आयोजन: पटना और वैशाली जिलों में कई शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोग अपनी जमीन से संबंधित दस्तावेज जमा करा सकेंगे।
- अमीनों का प्रशिक्षण: सर्वे का काम करने वाले अमीनों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- ग्रामीणों का सहयोग: सर्वे के लिए ग्रामीणों का सहयोग भी जरूरी है। उन्हें अपने दस्तावेज लेकर शिविर में आना होगा।
कौन से दस्तावेज लाने होंगे?
- जमाबंदी संख्या का ब्यौरा
- मालगुजारी रसीद की कापी
- खतियान का नकल
- दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेज
- आधार कार्ड की कॉपी
क्यों जरूरी है यह सर्वे?
यह सर्वे बिहार के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे:
- जमीन से जुड़े विवाद खत्म होंगे।
- जमीन के दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे।
- जमीन की खरीद-बिक्री आसान हो जाएगी।
- सरकार को राजस्व में वृद्धि होगी।
आप क्या कर सकते हैं?
- शिविर में जाएं: अगर आप पटना या वैशाली जिले के रहने वाले हैं, तो आप अपने क्षेत्र में आयोजित शिविर में जाकर अपनी जमीन से संबंधित दस्तावेज जमा करा सकते हैं।
- सहयोग करें: सर्वे के काम में प्रशासन का सहयोग करें।
- जागरूक करें: अपने आसपास के लोगों को इस सर्वे के बारे में बताएं।