बिहार में शराबबंदी के बाद इस धंधे से जुड़े लोगों की जीविका प्रभावित हुई है। इन परिवारों की आजीविका के लिए बिहार सरकार ने पहल की है। राज्य के कुल 40992 परिवारों को रोजगार से जोड़ा जायेगा। इन परिवारों को सरकार पशु शेड का निर्माण कराकर देगी। इसमें पशुपालन कर वे अपनी जीविका चला सकेंगे। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत इन परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। इन परिवारों को बिहार सरकार ने प्रथम प्राथमिकता वाले परिवारों की सूची में रखा है। दो पशुओं के शेड निर्माण के लिए एक लाख रुपये और चार पशुओं के शेड निर्माण पर डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे।
प्रमुख लाभुक जिले:
- कटिहार: 2218 परिवार
- मधुबनी: 2214 परिवार
- गया: 2205 परिवार
- समस्तीपुर: 1740 परिवार
- मधेपुरा: 1701 परिवार
- पूर्वी चंपारण: 1526 परिवार
- मुजफ्फरपुर: 1582 परिवार
अन्य प्रमुख जिलों में भागलपुर (1159), मुंगेर (1499), दरभंगा (1593), रोहतास (1569), बेगूसराय (1229), बक्सर (1092), सीतामढ़ी (1396), औरंगाबाद (1148), बांका (1180) परिवार इस योजना के लिए चिह्नित किये गये हैं।
किशनगंज में सबसे कम प्रभावित:
किशनगंज में मात्र 156 परिवारों की जीविका बाधित हुई है। पूर्णिया (668), खगड़िया (779), पश्चिमी चंपारण (554), जमुई (696) परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। अन्य जिलों में कैमूर (655), सुपौल (634), नालंदा (944), गोपालगंज (880), जहानाबाद (616), सीवान (830), लखीसराय (731), नवादा (607), भोजपुर (869), अररिया (646), शेखपुरा (353), अरवल (653), पटना (879), शिवहर (506), सारण (728) परिवार चिह्नित किये गये हैं।
कुल चिह्नित परिवार और भूमि उपलब्धता:
इस योजना का लाभ देने के लिए कुल 73,160 परिवारों को चिह्नित किया गया है। इनमें प्रथम प्राथमिकता वाले परिवारों की संख्या 40,000 है। ग्रामीण विकास विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इन 73 हजार परिवारों में से 53,372 परिवारों के पास ही भूमि उपलब्ध है। शेष लाभुकों के पास पशु शेड निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है।
बिहार सरकार का यह कदम शराबबंदी से प्रभावित परिवारों की आजीविका को पुनः सशक्त करने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे इन परिवारों को एक स्थायी और सम्मानजनक आजीविका प्राप्त होगी