संसद के मानसून सत्र में आज नरेंद्र मोदी सरकार एक बिल लेकर आ सकती है, जिसके जरिए वह वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के अधिकारों में संशोधन करेगी। 2 अगस्त को नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में 40 संशोधन किए और उसे मंजूरी दे दी है। वक्फ एक्ट में जो बदलाव लाने का प्रस्ताव है, अगर वे लागू हो जाते हैं तो वक्फ बोर्ड का स्वरूप और उसके अधिकारों पर काफी प्रभाव पड़ेगा। उसकी शक्तियां काफी सीमित हो जाएंगी।
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर जेडीयू के पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी (Gulam Rasool Balyawi) ने बड़ा बयान देते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी (BJP) पर हमला बोला है। सोमवार (05 अगस्त) को वह पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि वक्फ बोर्ड के कांसेप्ट को समझ लिया होता तो वेलफेयर समझ में आ जाता। गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि वक्फ बोर्ड की जो संपत्तियां हैं अगर उसे केंद्र सरकार वापस कर दे और उसका सर्वे करा कर अल्पसंख्यक कल्याण को वापस कर दे तो जो मुस्लिम समुदाय पिछड़े हैं उनके लिए फिर सरकार की मदद की जरूरत नहीं होगी। देश भर में जहां भी वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है उस पर केंद्र सरकार का कब्जा है। सरकार प्रॉपर्टी को वापस करने का बिल लाए. यह देशहित और जनहित में होगा।
बलियावी ने कहा कि देश के खजाने से अल्पसंख्यक को एक चवन्नी नहीं दी जाती, लेकिन सिक्का देने का हल्ला सरकार करती है। हम पॉलिटिकल गठबंधन से ऊपर उठकर सीधी बात कर रहे हैं। वक्त बोर्ड से हमारा भी रिश्ता है। वक्फ बोर्ड के लिए बेहतर काम करके नीतीश कुमार ने देश में एक मॉडल पेश किया है। वक्फ बोर्ड के अधिकारों में संशोधन करने का अधिकार केंद्र सरकार को नहीं है। बीजेपी तो पूरा संविधान ही बदल रही है।
सवाल उठाते हुए गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि क्या मठ और आंगनबाड़ी के लिए भी केंद्र सरकार यह संशोधन बिल लाएगी? जो नियम कानून वक्फ बोर्ड के लिए है इस नियम कानून के तहत देश में मठ भी चल रहे हैं। केंद्र सरकार देश भर के मठाधीश और मंदिरों के महा संतों को बुलाकर बात करे। मठाधीशों और संतों से बात करके कहे कि जो वक्फ बोर्ड के साथ हो रहा है वही मठ और मंदिर के साथ भी होगा। एक सवाल के जवाब में कहा कि नीतीश कुमार के सामने सब कुछ है। हम उनको क्यों मशविरा दें? वह खुद तय करें आगे क्या करना है।