विनेश फोगाट को महिला कुश्ती 50 किलो वर्ग से घोषित कर दिया गया है। अंतिम से पहले आयोग घोषित होने के बाद हर भारतीय को बड़ा झटका लगा है। अब वह न तो गोल्ड मेडल के लिए खेल ढूंढ पाएंगी और न ही वह सिल्वर मेडल के लिए नामांकित हो रही हैं। रात भर टीम द्वारा दिए गए बेहतरीन प्रयास के बावजूद, आज सुबह उनका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक पाया गया। जिससे वह फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाएंगी।
ओलंपिक में विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होना का मामला आज संसद में भी गूंजा। इसे लेकर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को लोकसभा में बड़ा बयान दिया। पेरिस ओलंपिक के फाइनल से महिला पहलवान विनेश फोगाट के बाहर होने के बाद भारत ने इस मामले पर कड़ा विरोध जताया है। जब विनेश फोगाट पर खेल मंत्री बयान दे रहे थे, तब विपक्ष ने सदन का वॉकआउट कर दिया।
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केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में कहा कि पीएम मोदी ने इस मामले पर भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा से फोन पर बात की और उसने विनेश फोगाट के मुद्दे की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी ली कि अब भारत के पास क्या विकल्प है। पीएम मोदी ने विनेश फोगाट के मामले में मदद के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा है। पीएम मोदी ने पीटी उषा से विनेश की मदद के लिए उनकी अयोग्यता के बारे में कड़ा विरोध दर्ज कराने का आग्रह किया था।
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खेल मंत्री मांडविया ने बताया कि विनेश को तैयारी के लिए हरसंभव मदद की गई। कहा कि सरकार ने विनेश को सभी प्रकार की खेल सुविधाएं और हर स्तर पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराए गए थे। विनेश को पेरिस ओलंपिक के लिए 70 लाख 45 हजार 775 रुपये की सहायता दी गई। उन्होंने बताया कि स्पेन में ट्रेनिंग सेशन में जाने के लिए और ओलंपिक से पहले तैयारी में जाने के लिए भी फंडिंग की गई थी। वह जब हंगरी में गई थीं तो उसके लिए भी सरकार ने पूरी व्यवस्था की थी। रूस में भी अंतरराष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने के लिए सरकार ने मदद की थी।