नए आपराधिक कानूनों के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता (BNS) में तकनीक एवं उसके उपयोग पर विशेष रूप से बल दिया गया है। प्राथमिकी (FIR) से लेकर विचारण/ ट्रायल तक सभी चरणों में तकनीक के उपयोग को अनिवार्य किया गया है। यह न्यायिक प्रक्रिया और जांच में पारदर्शिता के मामले में एक महत्वपूर्ण और बड़ा बदलाव है। इसी क्रम में भारत सरकार द्वारा 4 अगस्त 2024 को ई-साक्ष्य App लॉन्च किया गया। बिहार पुलिस द्वारा भी ई-साक्ष्य App को इस्तेमाल करने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इसको लेकर 9 अगस्त 2024 को बिहार पुलिस के सभी फील्ड ऑफिसर के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
BNSS की धारा 105 और 183 के तहत तकनीकी अनिवार्यता
BNSS की धारा 105 के तहत तलाशी और जब्ती अभियानों की वीडियोग्राफी, और धारा 183 BNSS के तहत स्वीकारोक्ति और पीड़ितों के बयानों की डिजिटल रिकॉर्डिंग इत्यादि को अनिवार्य किया गया है। अनुसंधान पदाधिकारी ई-साक्ष्य App को अपने मोबाइल फोन से डाउनलोड कर सकते हैं तथा इसके माध्यम से अपराध स्थल के वीडियो और फोटोग्राफ ले सकते हैं। साथ ही जांच अधिकारी गवाहों के बयान भी रिकॉर्ड कर सकते हैं। रिकॉर्डिंग पूरी होने के बाद, सारी जानकारी सुरक्षित तरीके से एक एविडेंस लॉकर में भेज दी जाती है और चार्जशीट से इंटिग्रेट की जाती है, जो फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप में अदालत को उपलब्ध कराई जाएगी।
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SCRB द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम
SCRB द्वारा ई-साक्ष्य App के कुशल उपयोग के लिए 9 अगस्त को ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें बिहार पुलिस के सभी फील्ड ऑफिसर जिसमें थाना प्रभारी / पुलिस उपाधीक्षक/पुलिस अधीक्षक/पुलिस उप-महानिरीक्षक / पुलिस महानिरीक्षक स्तर तक के पदाधिकारी शामिल होंगे। SCRB, CID और NIC द्वारा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को ऑनलाइन तर्ज पर कोऑर्डिनेट किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ई-साक्ष्य App की प्रमुख विशेषताएं और -साक्ष्य संकलन से जुड़े नए आपराधिक कानूनों के महत्वपूर्ण प्रावधान पर जानकारी साझा की जाएगी। नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए पूर्व में भी राज्य के लगभग 25 हजार पुलिस पदाधिकारियों को नए आपराधिक कानून, विधि विज्ञान एवं डिजिटल पुलिसिंग में उन्नत प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पूर्व में पाँच चरणों में आयोजित किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में पीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण पुलिस कर्मी से लेकर सभी स्तर के वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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ई-साक्ष्य App की प्रमुख विशेषताएं
यह प्लेटफार्म न केवल नए कानूनों के कार्यान्वयन को अधिक प्रभावी बनाएगा, बल्कि पारदर्शिता और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। इस App के फीचर कई हिस्सों में विभाजित हैं, जैसे :
ICJS प्लेटफॉर्मः यह एक ब्रिज की तरह काम करता है, जो पुलिस, कोर्ट, और अन्य संबंधित एजेंसियों के बीच डेटा का आदान-प्रदान सुनिश्चित करता है।
पुलिस और कोर्ट एप्लिकेशनः यह एप्लिकेशन पुलिस और न्यायालय को विभिन्न डेटा देखने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन यह डेटा सिर्फ उन लोगों के लिए उपलब्ध होता है जिनके पास एक्सेस का अधिकार होते हैं।
लॉकरः यह एक सुरक्षित स्टोरेज सिस्टम है, जिसे एंटिटी लॉकर की तरह डिजाइन किया गया है। इसमें डेटा पैकेट्स को सुरक्षित तरीके से स्टोर किया जाता है ताकि किसी भी प्रकार की डेटा छेड़छाड़ से बचा जा सके।
पुलिस की कार्रवाई पारदर्शी एवं विश्वसनीय
ई-साक्ष्य App पुलिस की कार्रवाई को पारदर्शी एवं विश्वसनीय बनाता है। तलाशी और जब्ती कार्यवाही में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग को शामिल करने से साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की सम्भावना कम हो जाती है। साथ ही BNSS की धारा 105 के तहत जब्ती अभियान के दौरान जब्त की गई वस्तुओं की सूची तैयार करने एवं उन पर निष्पक्ष गवाहों के हस्ताक्षर का भी वीडियोग्राफी करने का प्रावधान किया गया है। ई-साक्ष्य app के माध्यम से वीडियो रिकॉर्डिंग का समय भी निर्धारित हो जाता है तथा recorded वीडियो का हैश वैल्यू तैयार किया जाएगा जिससे सबूतों के साथ छेड़छाड़ करना सम्भव नहीं हो पाएगा।
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ई-साक्ष्य App के माध्यम से फॉरेंसिक साक्ष्य संग्रह की प्रक्रिया का भी वीडियोग्राफी किया जा सकता है। यह साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शिता बनाता है, और साक्ष्यों को विश्वसनीयता प्रदान करता है। BNSS की धारा 176 (3) में भी फोरेंसिक साक्ष्य के संग्रह की प्रक्रिया में वीडियोग्राफी की आवश्यकता पर बल दियाय गया है। धारा 176 (1) के तहत् पुलिस जांच के दौरान अभियुक्त का स्वीकारोक्ति बयान के साथ-साथ अन्य गवाहों के बयान को भी ऑडियो वीडियो माध्यम में रिकार्ड किया जा सकेगा। यह प्रावधान पुलिस अभिरक्षा में पूछताछ के दौरान अभियुक्त पर किसी भी प्रकार के दबाव से सुरक्षा प्रदान करती है। कुल मिलाकर ई-साक्ष्य App जांच प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी एवं विश्वसनीय बनायेगा। बिहार पुलिस ई-साक्ष्य App को इस्तेमाल करने के लिये पूरी तरह से तैयार है।