लोकसभा में आज केन्द्र की मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर सदन में संशोधन बिल पेश कर दिया है। बिल पेश होने पर विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। दिल्ली से पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्षी दलों के विरोध पर निशाना साधा है। चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष देश के मुसलमान को डरना चाहता है। लोकसभा चुनाव के वक्त जिस तरह से विपक्षी दलों ने संविधान को लेकर देश के लोगों को डराया। अब इस बिल को लेकर मुस्लिम संगठन के लोगों को डराना चाहते हैं।
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उन्होंने कहा केंद्र सरकार सदन में जो बिल पेश की है वह बिल कांग्रेस की सरकार के समय से ही लंबित थी। इस बिल को हमारी सरकार ने सदन में रखा है। मुस्लिम संगठन भी वक्फ बोर्ड की जमीन बिल को लेकर संशोधन चाह रहा है। ताकि इस देश के गरीब मुसलमान का हक उनको दिया जा सके। चिराग पासवान ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का सदन में समर्थन की है और हम चाहते हैं केंद्र सरकार इस बिल को पास करके सभी राज्यों के राज्य सरकार को दे, ताकि राज्य सरकार अपने अनुसार गरीब मुस्लिम लोगों की भलाई कर सके।
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वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी द्वारा एससी-एसटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का समर्थन करना और चिराग पासवान के विरोध पर निशाना साधने के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि जीतन राम मांझी के बयान को हमने सुना नहीं है। यदि उन्होंने इस तरह का बयान दिया है तो उनके बयानों पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। लेकिन इस बीच हमने कई अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के संगठनों से बातचीत की है। सदन में मौजूद सांसदों से भी हमने बातचीत की है और इस बिल को लेकर आने वाले समय में अनुसूचित जनजाति के सांसदों के साथ सर्वदलीय बैठक कर उनसे बातचीत करेंगे।
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क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो फैसला सुनाया गया है, उस फैसले से अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लोगों को संविधान में छुआछूत को लेकर विशेष प्रावधान दिया गया था। उसके बावजूद भी उनसे छुआछूत कर गांव से बाहर भी रखा गया। शादी विवाह में जब इस समाज के लोग घोड़ी पर चढ़कर शादी करने जाते हैं तो उन्हें प्रताड़ित भी किया जाता रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उस फैसले में कहीं ना कहीं इस समाज के लोगों को बांधने का काम किया है। इस संविधान में क्रिमिनल का कोई प्रावधान नहीं है।