बिहार स्वास्थ्य विभाग में 45 हजार से अधिक रिक्त पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया में एक बार फिर देरी होने की संभावना है। आरक्षण को लेकर जारी विवाद के कारण नियुक्ति प्रक्रिया अटकी हुई है। लेकिन जल्द ही सामान्य प्रशासन विभाग आरक्षण संबंधित आदेश जारी कर सकता है. जिसके बाद विभाग नियुक्ति संबंधित निर्देश जारी करेगा
जून महीने में सरकार ने इन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने का निर्णय लिया था और अक्टूबर तक यह प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा था। 65 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर रोस्टर क्लियर कर लिया गया था लेकिन पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगने के बाद पूरी प्रक्रिया बाधित हो गई।
सामान्य प्रशासन विभाग का इंतजार:
अब स्वास्थ्य विभाग सामान्य प्रशासन विभाग से स्पष्ट दिशानिर्देश का इंतजार कर रहा है। संभावना है कि सामान्य प्रशासन विभाग 50 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर नियुक्तियों के संबंध में आदेश जारी कर सकता है। शिक्षा विभाग भी इसी दिशा में पहल कर चुका है।
किन पदों पर होनी है नियुक्तियां:
- सहायक प्राध्यापक
- विशेष चिकित्सा पदाधिकारी
- सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी
- संविदा पर सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी
- दंत चिकित्सक
- सिस्टर टयूटर
- नर्स
- एएनएम
- फार्मासिस्ट
- एक्स-रे तकनीशियन
- ओटी सहायक
- ईसीजी तकनीशियन
- लैब तकनीशियन
- ड्रेसर
- सीएचओ
क्यों अटकी है नियुक्ति प्रक्रिया:
- आरक्षण को लेकर विवाद: 65 प्रतिशत आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हुई है।
- सामान्य प्रशासन विभाग से स्पष्ट दिशानिर्देश का इंतजार: नए आरक्षण नीति के अनुसार नियुक्तियों के लिए सामान्य प्रशासन विभाग से स्पष्ट दिशानिर्देश की आवश्यकता है।
क्या है इसका असर:
- स्वास्थ्य सेवाओं पर असर: इन पदों पर नियुक्ति नहीं होने से राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है।
- बेरोजगारी की समस्या: बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
आगे क्या होगा:
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश आने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर पाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में कोई निर्णय लिया जाएगा और रिक्त पदों पर नियुक्तियां शुरू हो जाएंगी।