कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुग खरगे (Mallikarjun Kharge) ने आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का इरादा आरक्षण खत्म करने कहा है। उन्होंने कहा कि संसद में पीएम मोदी को ये कहना चाहिए था कि क्रीमी लेयर लागू नहीं होगा। BJP का आरक्षण खत्म करने का जो इरादा है, वो अब धीरे-धीरे सामने आ रहा है। आज PSUs को प्राइवेट हाथों में सौंपकर सरकारी नौकरी और आरक्षण खत्म किया जा रहा है। एक तरफ देश में लाखों सरकारी नौकरियां हैं, जिनमें भर्तियां नहीं की जा रही हैं, दूसरी तरफ आप क्रीमी लेयर लाकर दलित समाज को कुचल रहे हैं। मैं इसका विरोध करता हूं। मैं खुलकर कह सकता हूं कि SC-ST का ये जो मुद्दा उठा है, उसमें दलितों-वंचितों के बारे में नहीं सोचा गया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब तक इस देश में छुआछूत (Untouchability) है, तब तक आरक्षण रहना चाहिए और रहेगा। उसके लिए हम लड़ते रहेंगे। मेरी अपील है कि सभी मिलकर इस क्रीमी लेयर के फैसले को मान्यता न दें। कर्नाटक में आज भी ऐसे कुछ गांव हैं, जहां लोगों को अंदर आने नहीं दिया जाता। जब तक देश में ऐसी चीजें चल रही हैं, आप आरक्षण खत्म नहीं कर सकते। आज आरक्षण होते हुए भी हाईकोर्ट में दलित समाज के लोग नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट में भी नाम मात्र के लोग हैं। वहीं अफसरों के बड़े पदों पर भी कोई नहीं है। इतना सारा बैकलॉग होने के बावजूद आप क्रीमी लेयर कैसे लगा सकते हैं? हम इस बात को कभी सहन नहीं करेंगे।
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उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों ने एक फैसला दिया है, जिसमें उन्होंने SC-ST वर्ग के लोगों के सब-कैटेगराइजेशन के साथ ही क्रीमी लेयर की भी बात की है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम इसे हाथ नहीं लगाएंगे। अगर ऐसा था तो आपको तुरंत ही कहना चाहिए था कि यह लागू नहीं होगा। इसे संसद में लाकर आपको सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट नकार देना चाहिए था। लेकिन आज 10-15 दिन हो चुके हैं, पर इसके लिए आपके पास वक्त नहीं है।
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श्री खरगे ने कहा कि भारत में दलित समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण बाबासाहेब के पूना पैक्ट के माध्यम से मिला था। बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी और महात्मा गांधी जी द्वारा रिजर्वेशन पॉलिसी को जारी रखा गया। राजनीतिक आरक्षण के साथ ही शिक्षा और रोजगार में भी आरक्षण एक जरूरी मुद्दा था, लेकिन अब SC-ST के लोगों को क्रीमी लेयर का कहकर आरक्षण से बाहर निकालना, उनके ऊपर एक बड़ा प्रहार है।
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हर राज्य में SC-ST की लिस्ट अलग होती है। इसलिए इस लिस्ट से किसको कितना फायदा होता और किसको नुकसान होता है, इस विषय में हम बारीकी से सोचकर आगे कदम बढ़ाएंगे। इस मुद्दे पर राहुल गांधी जी भी सोच रहे हैं, उन्होंने कई बुद्धिजीवियों को बुलाकर इस विषय में चर्चा भी की है। हम दलितों-वंचितों की हिफाजत के लिए जो भी कर सकते हैं, वह करेंगे। इस विषय पर हम कंसल्टेशन कमेटी बनाएंगे। इस मुद्दे पर में NGOs से मिलेंगे और उनकी राय लेंगें और सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। कांग्रेस चाहती है कि हम ऐसे NGOs को भी इसमें शामिल करें, जो कई साल से इस विषय पर कम कर रहे हैं। इसलिए हम सबकी राय लेकर आगे बढ़ेंगे।