बिहार पुलिस में एक व्यापक स्तर पर डिजिटल परिवर्तन हो रहा है। राज्य सरकार के नए कानूनों के अनुरूप, पुलिस थानों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। अब हर थाने में अलग-अलग कक्ष होंगे जहां जनता के काम, केस डायरी, पूछताछ और रिकॉर्ड रखने का काम होगा।
पूछताछ केंद्रों को विशेष रूप से डिजाइन किया जा रहा है। इनमें अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे पूछताछ की प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी होगी। साथ ही, इन रिकॉर्डिंग्स का इस्तेमाल कोर्ट में सबूत के तौर पर भी किया जा सकेगा।
नए कानूनों में डिजिटल केस डायरी, बयान और ट्रायल की व्यवस्था की गई है। इस बदलाव को लागू करने के लिए, हर थाने में एक डेटा सेंटर बनाया जा रहा है। यहां तैनात पुलिसकर्मी डेटा संग्रहण, अपडेट और सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2024 तक कई पुलिस सेवाएं जैसे चरित्र सत्यापन, पासपोर्ट सत्यापन आदि पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएं।
अनुसंधान अधिकारियों के कामकाज को सुगम बनाने के लिए उनके लिए अलग कक्ष बनाने की योजना है। केस डायरी पहले ही डिजिटल हो चुकी है और अब इस पर काम करने वाले अधिकारियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
यह डिजिटल परिवर्तन न केवल पुलिस के कामकाज में सुधार लाएगा बल्कि आम जनता को भी बेहतर सेवाएं मुहैया कराएगा। पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने के साथ-साथ अपराध नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।