सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को एक और बड़ा झटका देते हुए निगरानी विभाग ने सभी विभागों को भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे अधिकारियों और कर्मचारियों की एक अपडेटेड लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में इन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ निगरानी ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई और आर्थिक अपराध इकाई में दर्ज मामलों का पूरा विवरण शामिल है।
विभागों के साथ ही सभी प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी भी इस लिस्ट को प्राप्त कर चुके हैं। निगरानी विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अरुण कुमार ठाकुर ने एक पत्र जारी कर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिवों के साथ ही सभी कमिश्नर और डीएम को सूचित किया है कि वे इस लिस्ट का इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए कर सकते हैं। अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को प्रमोशन के लिए अलग से स्वच्छता प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं पड़ेगी।
दरअसल, राज्य सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि केवल स्वच्छ आचरण वाले अधिकारी और कर्मचारी ही प्रमोशन के पात्र होंगे। इसी के तहत अब तक किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को प्रमोशन देने से पहले निगरानी विभाग से स्वच्छता प्रमाण पत्र लिया जाता था। लेकिन अब इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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नई व्यवस्था के तहत, किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के प्रमोशन से पहले निगरानी विभाग की इस लिस्ट से उसका नाम चेक किया जाएगा। अगर उसका नाम किसी भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज है तो उसका प्रमोशन रुक जाएगा। निगरानी विभाग इस लिस्ट को समय-समय पर अपडेट करता रहेगा।
सरकार का मानना है कि इस कदम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी।