बिहार में नवीनीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में कोलकाता स्थित ऑस्ट्रेलियाई कॉन्सुलेट जनरल एच बॉयलान ने सोमवार को बिहार के ऊर्जा, योजना व विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव से मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान ऊर्जा मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी को बिहार में नवीनीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और नीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिहार में सौर ऊर्जा के लिए काफी संभावनाएं हैं और राज्य सरकार इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है।
बिहार में सौर ऊर्जा के लिए क्या हैं संभावनाएं?
- उत्तर बिहार: उत्तर बिहार में कई नदियां, नहरें, पोखर और आहर-पईन हैं, जहां फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाए जा सकते हैं। दरभंगा और सुपौल में पहले से ही दो फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट काम कर रहे हैं।
- दक्षिण बिहार: दक्षिण बिहार में कई ऐसे पहाड़ हैं जहां कोई पेड़ नहीं है। इन पहाड़ों पर भी सोलर पावर प्लांट लगाने की संभावनाओं पर काम किया जा रहा है।
- कुल क्षमता: केंद्र सरकार के एक सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार में 16,000 मेगावाट गैर-परंपरागत बिजली का उत्पादन किया जा सकता है, जिसमें से 11,200 मेगावाट सौर ऊर्जा और 3650 मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल है।
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ऑस्ट्रेलियाई कंपनी जल्द करेगी बिहार का दौरा
मुलाकात के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कॉन्सुलेट जनरल ने आश्वासन दिया कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनी जल्द ही बिहार का दौरा करेगी और सौर ऊर्जा में निवेश के लिए आगे बढ़ेगी।
सरकारी नीतियां
बिहार सरकार ने नवीनीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए कई अनुकूल नीतियां बनाई हैं। इन नीतियों का उद्देश्य निवेशकों को प्रोत्साहित करना और बिहार में नवीनीकरणीय ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देना है।