धनबाद: साला जीजा की जोड़ी करती थी लोगों से ठगी। से दोनों बैंक अधिकारी बन लोगों को बड़ी आसानी से चूना लगा देते थे। इन दोनों की खबर रांची सीआईडी को लगी तब उसकी इनपुट पर धनबाद साइबर थाना और बरवाअड्डा थाना की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। इस छापेमारी में दोनों फर्जी बैंक अधिकारी को पुलिस ने दबोच लिया। इस रेड में उनके पास से ठगी में प्रयुक्त छह मोबाइल और नौ सिम जब्त किए गए हैं। वहीं इन दोनों के खिलाफ साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। इस मामले को लेकर बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए साइबर डीएसपी संजीव कुमार और साइबर थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय ने जानकारी दी।
उन्होने बताया कि साईबर जालसाजी में दो लेगों की गिरफ्तारी हुई है। डीएसपी ने बताया कि आरोपी भगतू रविदास का पुत्र मंतोष रवानी बरवाअड्डा जयनगर बस्ती स्थित अपने घर में ही अपने जीजा चिरकुंडा नीचे बाजार दासपाड़ा निवासी रोहित रविदास के साथ मिलकर साइबर ठगी करते रंगेहाथ पकड़े गए है। इसके साथ ही इन दोनों के पास से पांच मोबाइल सिम भी प्राप्त हुए जिससे पश्चिम बंगाल, ओडिशा और महाराष्ट्र के 15 लोगों के साथ साइबर ठगी की गई है। इस बारे में रांची सीआईडी के प्रतिबिंब ऐप के माध्यम से ठगी में इस्तेमाल उनके पांचों मोबाइल सिम को चिह्नित किया गया था। सीआईडी से मिली इसी जानकारी के आधार पर एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन ने पुलिस टीम का गठन कर दोनों की गिरफ्तारी के आदेश दिए। पुलिस ने मंतोष रविदास के जयनगर स्थित घर में छापेमारी की तो रोहित भी वहीं था।
इनके कारनामों के बारे में बताते हुए डीएसपी ने कहा कि ये दोनों दोनों बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे। इस दौरान उन्हें केवाईसी अपडेट करने और एटीएम बंद होने की बात कह कर उनसे ओटीपी ले लेते थे। इस ओटीपी के मिलने के बाद साइबर ठग भुक्तभोगियों के खाते से अपना मोबाइल नंबर लिंक कर लेते थे। इसके बाद उनके खातों से रकम उड़ा ली जाती थी। इस फर्जी खेल मं दोनों करीब एक साल से जुटे थे। पुलिस के द्वारा पूछताछ में दोनों आरोपियों ने लाखों की ठगी की बात स्वीकारी है। इस प्रेस वार्ता के माध्यम से डीएसपी ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति को किसी भी सूरत में ओटीपी न बताएं और न ही किसी अनजान लिंक को टच करें।