बिहार में पूर्व विधायक सुनील पांडेय अब भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इसी हफ्ते सुनील पांडेय भाजपा में शामिल हो रहे हैं। चार बार तरारी विधानसभा सीट से चुनाव जीते सुनील पांडेय पहली बार भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले सुनील पांडेय समता पार्टी और फिर जदयू से विधायक रहे हैं। लेकिन 2015 में उनकी पत्नी गीता पांडेय तरारी से चुनाव हार गईं। उन्हें सुदामा प्रसाद ने हराया जो 2024 के लोकसभा चुनाव में आरा से भाजपा के आरके सिंह को हराकर सांसद बने हैं। 2020 में सुदामा प्रसाद ने सुनील पांडेय को भी हरा दिया। तब सुनील पांडेय निर्दलीय चुनाव लड़े थे। बाद में सुनील पांडेय लोजपा पारस गुट के साथ थे। लेकिन अब वे भाजपा में शामिल होने वाले हैं।
सुनील पांडेय के भाजपा में शामिल होने का कारण उनके पुत्र का पॉलिटिकल सेटलमेंट बताया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार सुनील पांडेय भाजपा में शामिल हो रहे हैं और उनके छोटे बेटे संदीप पांडेय विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। तरारी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है क्योंकि 2020 में इस सीट से जीते सुदामा प्रसाद अब सांसद बन चुके हैं। संभावना है कि संदीप पांडेय तरारी सीट से ही भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं।
तरारी सीट पर भाजपा ने 2020 में कौशल कुमार विद्यार्थी को टिकट दिया था। लेकिन उन्हें सिर्फ 13,833 वोट मिले। जबकि निर्दलीय सुनील पांडेय को 62,930 वोट मिले। वहीं चुनाव जीतने वाले सुदामा प्रसाद को 75,945 वोट मिले थे। संभावना है कि एनडीए से भाजपा ही इस सीट पर उपचुनाव लड़ेगी। ऐसे में सुनील पांडेय अगर भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उनके बेटे संदीप पांडेय को भाजपा का टिकट मिलने में मुश्किल नहीं होगी।