बिहार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों का जुलाई महीने का वेतन फंस गया है। शिक्षा विभाग ने वेतन भुगतान के लिए जारी होने वाले अनुदान पर रोक लगा दी है। इसका कारण है विश्वविद्यालयों द्वारा नए पेरोल मैनेजमेंट पोर्टल पर कर्मचारियों का डेटा अपलोड न करना।
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी कुलपतियों को पत्र लिखकर डेटा अपलोड करने का निर्देश दिया है। विभाग ने पोर्टल पर कर्मचारियों के वेतन, पारिवारिक पेंशन और अतिथि शिक्षकों से संबंधित डेटा अपलोड करने की सुविधा उपलब्ध कराई है। लेकिन, 19 अगस्त तक मगध विश्वविद्यालय का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है।
विभाग का कहना है कि जब तक सभी विश्वविद्यालय अपने कर्मचारियों का डेटा पूरी तरह अपलोड नहीं करेंगे, तब तक वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा। विभाग का लक्ष्य है कि सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों का वेतन भुगतान एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।