पटना : किशनगंज के 32 वर्षीय एक युवक को नाक में मांस बढ़ने के कारण सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। यह समस्या धीरे-धीरे इतनी गंभीर हो गई कि उसे नारायणा कैंसर संस्थान में जांच करानी पड़ी। जांच में पता चला कि युवक को एक दुर्लभ प्रकार का नाक का कैंसर है, जिसे न्यूरोएंडोक्राइन कर्सिनोमा कहा जाता है। और सबसे चिंताजनक बात यह थी कि यह कैंसर काफी उन्नत अवस्था में पहुंच चुका था।
इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे युवक के लिए नारायणा कैंसर संस्थान के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और पारस हॉस्पिटल में कैंसर विभाग के अध्यक्ष डा अभिषेक आनंद ने एक उम्मीद की किरण जगाई। डॉक्टर आनंद ने युवक का इलाज शुरू किया और पांच महीने तक तीन साइकिल की कीमोथेरेपी दी। इस कठिन इलाज के बाद युवक कैंसर से पूरी तरह मुक्त हो गया है।
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डॉक्टर आनंद ने बताया कि जब यह युवक हमारे पास आया था तब उसकी स्थिति काफी गंभीर थी। नाक का कैंसर काफी दुर्लभ होता है और यह भी काफी तेजी से फैलता है। लेकिन, हमने समय रहते इलाज शुरू कर दिया और कीमोथेरेपी के माध्यम से हम इस कैंसर को नियंत्रित करने में सफल रहे। अब युवक पूरी तरह स्वस्थ है और उसकी जान को कोई खतरा नहीं है।