भागलपुर जिले के भवानीपुर थाना क्षेत्र के मौजमा गांव में एक युवा की खुदकुशी से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। विवेकानंद पासवान के पुत्र प्रशांत कुमार उर्फ राजगीर (27) ने पटना में एक लॉज में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
प्रशांत एक मेधावी युवक था और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। लगातार तीन परीक्षाएं पास करने के बावजूद नौकरी ना मिल पाने से वह काफी निराश था। रेलवे ग्रुप डी, दारोगा और एनटीपीसी की परीक्षा पास करने के बाद भी वह अंतिम चरण में चूक गया था। यह लगातार असफलता उसे इतनी परेशान कर रही थी कि उसने यह कदम उठा लिया।
प्रशांत का परिवार काफी शिक्षित था। उसके बड़े भाई राजकुमार पासवान पटना सचिवालय में नौकरी करते हैं और एक बहन बिहार पुलिस में तैनात है। प्रशांत के पिता विवेकानंद पासवान मेहनत मजदूरी करके अपने आठ बच्चों को पढ़ाया था। प्रशांत भी अपने परिवार में सबसे मेधावी था।
प्रशांत के पड़ोसियों के मुताबिक, वह बेहद मिलनसार और हंसमुख व्यक्ति था। वह अक्सर सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर लोगों को हंसाता था। लेकिन कोई नहीं जानता था कि वह अंदर ही अंदर कितना परेशान था।
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प्रशांत की मौत से पूरे गांव में शोक का माहौल है। लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इतना मेधावी और हंसमुख लड़का आखिर क्यों ऐसा कदम उठाया। प्रशांत की मौत ने एक बार फिर से समाज में बढ़ते मानसिक तनाव और युवाओं में बेरोजगारी की समस्या पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।