भागलपुर के तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र को राजकीय कोष से मिली अनुदान राशि को हड़पने का आरोप लगाते हुए केंद्र के निदेशक डॉ. जेता सिंह ने बरारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने मास्टर्स डेवलपमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नौ पदाधिकारियों के खिलाफ थाना में आवेदन दिया था, जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले में पैसों के लेन-देन की अनियमितता सामने आई है, जिसे देखते हुए पुलिस बारीकी से जांच कर रही है। दर्ज एफआईआर की जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को भी दी गई है।
एफआईआर के लिए दिए गए पांच पन्नों के आवेदन में निदेशक डॉ. जेता सिंह ने विस्तृत जानकारी दी है। इसमें उन्होंने मुंबई की डेवलपर कंपनी के पदाधिकारियों पर बोगस इनवॉइस और अधूरे कार्यों का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने चिकित्सा केंद्र के मूल्यवान योगदान को देखते हुए 50 करोड़ रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया था, जिसे राज्य सरकार के मंत्री परिषद ने अनुमोदित किया था। इसके बाद तपोवर्धन चिकित्सा केंद्र की विस्तृत निर्माण परियोजना शुरू की गई, और 16 माह के भीतर कार्य पूरा करवाने के लिए मास्टर्स डेवलपमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ 36 करोड़ रुपये का अनुबंध किया गया।
आरोप: वोगस इनवॉइस के जरिए राशि हड़पी गई
निर्धारित 16 माह की अवधि के दौरान कंपनी को 68 लाख 16 हजार रुपये जीएसटी सहित देय था। लेकिन आरोप है कि कंपनी ने धीमी गति से कार्य किया और बोगस इनवॉइस के आधार पर अतिरिक्त राशि प्राप्त कर ली। इस दौरान कंपनी ने कुल देय राशि के अलावा 25 लाख 63 हजार रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी ले लिया। जब भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से कंपनी द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन कराया गया, तो पाया गया कि मात्र 30 प्रतिशत कार्य ही पूरा हुआ था।
मूल्यांकन में सामने आया कि कंपनी को केवल 19 लाख 47 हजार 193 रुपये का भुगतान मिलना चाहिए था, जबकि कंपनी ने 74 लाख 31 हजार 807 रुपये का अतिरिक्त भुगतान लिया। इस संबंध में निदेशक ने कंपनी के एमडी और सीईओ से मुलाकात की और पत्राचार कर कंपनी की अनियमितताओं की जानकारी दी।
कंपनी के एमडी पर टालमटोल का आरोप
दर्ज प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि कंपनी के एमडी और उसके पदाधिकारी मामले में हमेशा टालमटोल करते रहे। निदेशक ने कंपनी के नौ पदाधिकारियों के खिलाफ षड्यंत्र, धोखाधड़ी, बोगस इनवॉइस बनाकर राजकोष की धनराशि की धोखाधड़ी से निकासी, विश्वास का आपराधिक हनन और भयादोहन के आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है