रांची: सीएम के कोरोना वैक्सिन वाले बयान को लेकर राजनीतिक महाभारत छिड़ चुका है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने ट्वीटर से हेमंत सोरेन को टैग कर पोस्ट किया। अपने पोस्ट में मरांडी ने तंज कसते हुए कहा कि कुत्ते के काट लेने से दस्त की शिकायत बढ़ जाती है… हैरान न हों, आजकल झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी ऐसी ही अटपटी बातें सार्वजनिक रूप से कहते हुए नजर आ रहे हैं, जैसे ऊपर लिखी गई बात का न सिर है और न ही पैर, ठीक वैसे मुख्यमंत्री जी आज कल बिना सिर पैर की बातें करने में महारत हासिल कर चुके हैं। उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ परीक्षा में अपनी कुव्यवस्था को छुपाने के लिए कोई न कोई बहाना तो जनता को बताना ही था, तो मुख्यमंत्री जी ने कोरोना की वैक्सीन का बहाना देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की, लेकिन ये बताना भूल गए कि वैक्सीन सिर्फ मृतक अभ्यर्थियों भर को नहीं लगी थी, बल्कि पूरे झारखंडवासियों को लगी थी उसमें शायद आप भी रहे हों -आप भी तो दिल्ली से नंगे पैर भागते हुए झारखंड तक आए थे, आपको तो कुछ नहीं हुआ।
माननीय मुख्यमंत्री जी मेरी समझ में वैक्सीन तो कम से कम आपकी तरह जाति और धर्म देखकर काम नहीं करती होगी, अगर वैक्सीन की वजह से अभ्यर्थियों की जान गई तो उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ परीक्षा में लगभग 1 लाख 45 हजार अभ्यर्थी दौड़े, उनमें से वैक्सीन का असर सीमित लोगों तक ही सीमित कैसे रहा, आप चूंकि डॉक्टर और वैज्ञानिक भी होंगे खुद के ही मेडिकल इंस्टीट्यूट के तो कृपया ये भी बता दीजिए।
अगर ये बताने में आपकी हिम्मत को पसीने आ रहे हों तो जिस तरह से सार्वजनिक रूप से आप झूठी अफवाह फैला रहे हैं, ठीक उसी तरीके से सार्वजनिक रूप से अपनी अव्यवस्था और कुव्यवस्था के लिए प्रदेश के सभी नौजवानों से माफी मांग लीजिए, क्योंकि कोरोना की वैक्सीन ही थी जिसने करोड़ों लोगों की जान बचाई है, कम से कम ऐसी निम्न स्तरीय बातें करके झारखंड को तो शर्मशार मत ही कीजिए। मुख्यमंत्री जी आपसे विनम्र निवेदन है कि मौत पर राजनीति करना बंद कर दीजिए! आपकी कुर्सी और निजी सेहत दोनों की के लिए अच्छा होगा। बता दें मईयां सम्मान समारोह के दौरान हेमंत सोरेन ने मंच से अपने भाषण के दौरान अभ्यर्थियों की मौत का जिम्मेदार कोरोना वैक्सिन को बताया था।