सारण जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र में हुई त्रासदीपूर्ण हत्याकांड में पुलिस, फॉरेंसिक और अभियोजन पदाधिकारियों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। बिहार के डीजीपी आलोक राज ने शुक्रवार को इन पदाधिकारियों को सम्मानित करते हुए बताया कि नए आपराधिक कानूनों (बीएनएस) के तहत इस मामले में मात्र 50 दिनों में दोषियों को सजा सुनाई गई है।
यह संभवतः देश में इस तरह के गंभीर अपराध में सबसे कम समय में सजा सुनाए जाने का मामला है। घटना के 14वें दिन ही चार्जशीट दाखिल की गई थी और 50वें दिन कोर्ट ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
क्या हुआ था सारण में?
17 जुलाई को धनाडीह गांव में एक पिता और उनकी दो नाबालिग बेटियों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक घंटे के अंदर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। फॉरेंसिक जांच और मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने 14वें दिन न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की।
पुलिस की तारीफ:
डीजीपी आलोक राज ने सारण एसपी डॉ. कुमार आशीष, सारण सिविल कोर्ट के लोक अभियोजक सुरेंद्र नाथ सिंह, और अन्य अधिकारियों को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने न केवल अपराधियों को पकड़ने में बल्कि उन्हें सजा दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई है। डीजीपी ने सभी को प्रशस्ति पत्र और नकद इनाम देने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री पदक के लिए भी नामित किया है।
पीड़ित परिवार को मुआवजा:
सारण एसपी कुमार आशीष ने बताया कि पीड़ित परिवार को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत अधिकतम मुआवजा राशि दिलाने के लिए भी संबंधित प्राधिकार से अनुरोध किया गया है।
बीएनएस का असर:
इस मामले में बीएनएस कानून के तहत कार्रवाई करने से न्याय मिलने में तेजी आई है। यह दिखाता है कि नए कानून अपराधियों के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं।