[Team Insider] लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती उग्रवाद प्रभावित पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल जंगल में पिछले 8 फरवरी से प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सली संगठन खिलाफ सुरक्षा बल के जवान लगातार अभियान चला रहे हैं।मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 5 लाख के इनामी नक्सली बालक गंझू को मार गिराया गया है। वह भाजपा माओवादी का सब जोनल कमांडर है। उसके पास से हथियार और कई सामान भी बरामद हुए हैं।
सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद
नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। हार्डकोर नक्सली को मार गिरा देने के बाद सुरक्षाबलों का हौसला बुलंद हैं और अभियान को तेज कर दिया गया हैं। वायु सेना के हेलीकॉप्टर से कोबरा बटालियन, सीआरपीएफ और जिला बल के जवानों को जंगलों में उतारा गया हैं।

15 लाख इनामी नक्सली के दस्ते को सुरक्षाबलों ने घेरा
भाकपा माओवादी संगठन के रीजनल कमांडर,15 लाख इनामी,कुख्यात हार्डकोर नक्सली रविंद्र गंझू, जोनल कमांडर छोटू खेरवार,जोनल कमांडर बलराम उरांव, सब जोनल कमांडर रंथु उरांव का दस्ता अत्याधुनिक हथियारों के साथ 40 से 50 की संख्या में जंगलों में घूम रहे हैं। जिसके कारण अब तक सात बार मुठभेड़ हो चुकी हैं।हालांकि सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों को बुलबुल के जंगली इलाके में लगभग 2 किलोमीटर के क्षेत्र में घेर कर रखा गया है।

रविंदर है खूंखार माओवादी नेता
झारखंड पुलिस मुख्यालय के अनुसार रविंदर घांझू, आरसीएम (15 लाख रुपये का इनामी) सबसे खूंखार माओवादी नेता हैं। जो झारखंड के लोहरदगा, लातेहार और गुमला जिलों के इलाकों में बेहद सक्रिय हैं।
इन घटनाओं में रहे है शामिल
1- 3.05.2011 को धारधारिया, लोहरदगा में आईईडी विस्फोट में मुख्य आरोपी। जिसमें 06 सीआरपीएफ और 05 झारखंड पुलिस के जवान शहीद हुए थे।
2- 22.11.2019 को उन्होंने लातेहार के लुकैया मोड़ में एक और बड़ी घटना को अंजाम दिया। जिसमें झारखंड पुलिस के 04 जवान शहीद हो गए।
3- दस्ते ने विभिन्न खनन वाहनों की आगजनी, नागरिकों की हत्या, आईईडी विस्फोट और स्थानीय ठेकेदारों और खनन एजेंटों से भारी लेवी संग्रह सहित कई अन्य हालिया नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया।
इस इनपुट पर बनाई गई ऑपरेशन की योजना
8 फरवरी को शुरू किए गए ऑपरेशन में कोबरा, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर,लोहरदगा और लातेहार जिला पुलिस की टुकड़ी शामिल है।इस क्षेत्र में पहाड़ों की श्रृंखला, घने जंगल हैं और दबाव वाले आईईडी से भारी खनन किया जाता है।

ऑपरेशन के दौरान हुए दो आईईडी सपोर्ट
ऑपरेशन के दौरान क्षेत्र में दो आईईडी विस्फोट की घटनाएं हुईं। जिसमें सीआरपीएफ के तीन बहादुर कोबरा जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत हेलिकॉप्टर से रांची ले जाया गया। जिससे उनकी कीमती जान बच गई।
अब तक सात बार मुठभेड़
इस ऑपरेशन के दौरान पिछले एक सप्ताह में माओवादी कैडरों के साथ 7 एनकाउंटर हो चुका है।सुरक्षा बल नक्सल बंकरों,ठिकाने का भंडाफोड़ करने, नक्सलियों की भारी मात्रा में रसद आपूर्ति की वसूली करने और हथियार और अम्मन,नक्सल साहित्य आदि बरामद करने में सफल रहे हैं। स्थानों पर खून के धब्बे पाए गए हैं। जो इन मुठभेड़ों में कई नक्सलियों के घायल होने का संकेत देते हैं।
ऑपरेशन के नौवें दिन मिली बड़ी सफलता
बुधवार को ऑपरेशन का 9वां दिन रहा। आम तौर पर मेगा ऑप्स भी 3 से 4 दिनों तक चलता है। हालांकि इस बार इस ऑपरेशन को लगातार जारी रखने और उन्हें रन पर रखने का निर्णय लिया गया है।