रांची: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला दिन ब दिन जटिल होता जा रहा है। एक ओर जहां बीजेपी ने इसे अपना चुनावी मुद्दा बनाया है तो वहीं जेएमएम इस प्रकार के किसी भी तरह के घुसपैठ से इंकार कर रही है। इस मामले में ईडी की एंट्री के बाद घटनाक्रम में तेजी से बदलाव आए हैं। ईडी ने इस मामले में तीन युवतियों का हिरासत में लिया है जो की बांग्लादेश की रहने वाली हैं और अवैध रूप से झारखंड में रह रही थी। बता दें बांग्लादेशी घुसपैठ की जांच में अब ईडी भी शामिल हो गयी है। ईडी ने रांची के बरियातू थाना में बीते चार जून को दर्ज प्राथमिकी (कांड संख्या 188/2024) को टेकओवर किया है।
साथ ही झारखंड में अवैध तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठ और महिलाओं की तस्करी को लेकर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। दर्ज केस में आरोप लगाया गया है कि इसके जरिए ब्लैक मनी बनाई जा रही है। वहीं हिरासत में ली गयी युवतियों ने बताया कि वह बांग्लादेश की रहने वाली है। बांग्लादेश से उसे ब्यूटी सैलून में काम दिलाने के बहाने घुसपैठ कर भारत लाया गया था। युवती ने पुलिस को बताया कि एक दलाल के माध्यम से युवती एक अन्य युवती के साथ घुसपैठ कर भारत लाई गई थी। दोनों को बांग्लादेश से अवैध तरीके से घुसपैठ कर सीमा पार कराकर भारत लाया गया था। वहीं रांची पुलिस के अनुसंधान में यह पता चला है कि निजी एजेंटों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ कराया जा रहा है। फर्जी दस्तावेज के सहारे उन्हें भारत की नागरिकता दिलायी जाती है। तीनों युवतियों बांग्लादेश के चटग्राम की रहने वाली है। तीनों के नाम निंपी बिरूआ, समरीन अख्तर व निपा अख्तर है। उन्होने बताया कि मनीषा राय नामक एक अन्य लड़की की मदद से तीनों कोलकाता लाया गया था। पुलिस की छानबीन में यह भी पता चला था कि इनके अलावा तीन अन्य युवतियों परवीन, झूमा और हासी के साथ निजी एजेंटों के सहयोग से बोर्डर पर लगे फेंसिंग को काटकर भारत में प्रवेश कराया गया था। तीनों युवतियों ने पुलिस को बताया था कि इनके साथ तीन और लड़कियां बांग्लादेश से आयी थी, जो रांची में ही मनीषा रॉय के साथ कहीं छिप कर रह रही है।