बिहार में भले ही इस साल बारिश कम हुई है। अभी भी मानसून कमजोर है। इसके बावजूद राजधानी पटना समेत कई जिलों में बाढ का खतरा मंडरा रहा है। लोगों को पलायन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं, लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है। अगले पांच दिनों में तापमान में बड़ा बदलाव नहीं होगा।
पटना में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दियारा इलाके में बाढ़ जैसे हालत बन गए हैं। दीघा के पास बसे कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ अनुमंडल के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरन लोग ऊंचे स्थलों पर पलायन कर रहे हैं। वहीं, कैमूर में कर्मनासा नदी उफान पर है। इससे बिहार का यूपी से संपर्क टूट गया है। छपरा में NH-19 पर बाढ़ का पानी बह रहा है। इस कारण कई घटनाएं घट रही हैं।
सुपौल में कोसी नदी में पुल का 200 मीटर एप्रोच पथ बह गया। जिससे सुपौल का दरभंगा, मधुबनी के दर्जनों गांव से संपर्क टूट गया। अब यहां नाव ही एकमात्र सहारा बना हुआ है। वैशाली में भी गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से राघोपुर दियारा क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। यहां मुख्य सड़क समेत कई ग्रामीण सड़कों पर बाढ़ का पानी आ गया है। वहीं, वैशाली के दियारा क्षेत्र में भी बाढ़ का पानी कई घरों में घुस गया है।
वहीं, दीघा घाट 119 सेमी और गांधी घाट 159 सेमी पर जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। इसका असर शहर समेत दियारा इलाके पर पड़ा है। अशोक राजपथ के उत्तर दुजरा, राजापुर, कुर्जी आदि इलाकों में बने अपार्टमेंट और घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बिंदटोली इलाके के पूरी तरह से जलमग्न होने के बाद करीब 2000 लोग जेपी गंगा पथ पर शरण लिए हुए हैं। वहीं, नकटा दियारा इलाके में पानी भरने के बाद लोग मवेशियों के साथ पलायन कर रहे हैं।