रांची: डीवीसे के द्वारा पानी छोड़े जाने के बाद से बंगाल में बाढ़ जैसे हालात हैं। इसे लेकर बंगाल सरकार ने तीन दिनों तक झारखंड बंगाल बार्डर को सील कर दिया है। वहीं इस प्रकार से बंगाल में नो एंट्री पर वाहनों की लम्बी कतार देर रात से लगी हुई है। इसे लेकर बाबूलाल मरांडी ने बंगाल सरकार के साथ साथ हेमंत सरकार को भी घेरा है। उन्होंने अपने एक्स एकाउंट से पोस्ट कर कहा है कि झारखंड से बंगाल में प्रवेश करने वाले वाहनों को ममता बनर्जी की पुलिस ने पुरुलिया सीमा के पास रोक रखा है। ममता बनर्जी सरकार ने बंगाल में आई बाढ़ के लिए डीवीसी को दोषी ठहराया है और झारखंड से आने वाले वाहनों को अगले तीन दिनों तक सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया है। यदि बारिश बहुत ज्यादा होती है, तो झारखंड को पानी छोड़ना ही पड़ेगा, यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
लेकिन, दीदी के इस असंवैधानिक कदम पर श्री हेमंत सोरेन की चुप्पी आश्चर्यजनक है। कांग्रेस सरकार ने आज तक झारखंड में जितने भी डैम बनाए हैं, उसमें जमीन झारखंड की डूबी है। विस्थापन का दर्द आदिवासियों मूलवासियों को उठाना पड़ा है और बिजली पानी का लाभ बंगाल को मिल रहा है। वाहन रोकने की इतनी बड़ी असंवैधानिक कारवाई कर ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन जी और झारखंड को क्या संदेश देना चाहती हैं? नेशनल परमिट वाले वाहनों को बंगाल में घुसने के लिए क्या अलग से अनुमति लेनी होगी? हेमंत सोरेन जी, क्या हमारा झारखंड सिर्फ बंगाल के रास्ते आए बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने के लिए है? ऐसी कौन सी मजबूरी है कि आप दीदी के इस गैर-जिम्मेदाराना और असंवैधानिक कदम पर मौन साधे हुए हैं?
ममता बनर्जी के तानाशाही निर्णय से झारखंड का जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। हेमंत सोरेन जी तत्काल संज्ञान लेकर उक्त मामले में हस्तक्षेप कर कड़ा कदम उठाएं, अन्यथा राज्य की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है। मालूम हो कि गुरुवार शाम अचानक पश्चिम बंगाल सरकार ने झारखंड से सटे डिब्रूगढ़ चेकपोस्ट को सील कर दिया है। झारखंड से बंगाल जानेवाले ट्रक और बड़ी गाड़ियों की पश्चिम बंगाल में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। इस प्रकार अचानक लगे नो एंट्री से एनएच-19 पर बराकर पुल से मैथन तक लंबी गाड़ियों की कतार लग गई है। इस दौरान छोटी गाड़ियों को इस रोक से छूट दी गई है। बताया जा रहा कि सीएम ममता बनर्जी ने मेदिनीपुर के पांसकुड़ा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद केंद्र सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।
इस दौरान सीएम ने कहा कि बाढ़ का पानी बंगाल का नहीं, बल्कि झारखंड का है और इसे दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा छोड़ा गया है। ममता बनर्जी ने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि केंद्र इस मुद्दे को डीवीसी के सामने क्यों नहीं उठा रहा। उन्होंने बाढ़ के कारणों को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए झारखंड बॉर्डर को तीन दिन बंद रखने का ऐलान किया था और डीवीसी के पानी छोड़ने के तरीके पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। बता दें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों की इस कार्रवाई से झारखंड के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है और वरीय अधिकारियों को इस स्थिति की जानकारी दी गई है। बंगाल के अधिकारियों से भी संपर्क किया जा रहा है, लेकिन देर रात तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। बता दें सीएम बाढ़ के कारणों को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए झारखंड बॉर्डर को तीन दिन बंद रखने का ऐलान किया था और डीवीसी के पानी छोड़ने के तरीके पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।