रांची: झारखंड में हुए 1000 करोड के मनरेगा घोटाले मामले में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर पीएमएलए कोर्ट में सभी पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई है। इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट 27 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी। मालूम हो कि इस मामले में पूजा सिंघल समेत सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें पूजा सिंघल के अलावा उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश शामिल है।
इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र में बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू डीसी रहते हुए पूजा के खाते में सैलरी से 1.43 करोड अधिक थे। ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटाई खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ उस समय पूजा सिंघल वहां की डीसी थी। बताते चलें कि इस मामलें में ईडी ने 6 मई 2022 को तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के सरकारी व निजी आवास उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन सिंह समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीए सुमन सिंह के आवास से ईडी को 19.31 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए थे।